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Sun: तापमान इतना कि हीरा गल जाए, दूरी इतनी कि प्लेन को पहुंचने में 20 साल लगें, ऐसा है हमारा सूरज

 सार

Sun: सूरज धधकता हुआ आग का विशालकाय गोला है। सूर्य मुख्यतः हाइड्रोजन और हीलियम से मिलकर बना हुआ है। यह हमारे सौर मंडल का एकमात्र तारा है। सूरज हमारे सौरमंडल का केंद्र है और इसका गुरुत्वाकर्षण सौरमंडल को एक साथ बांधे रखता है। 




विस्तार

चंद्रयान-3 की सफलता के बाद भारत सूर्य मिशन आदित्य-एल1 लॉन्च करने के लिए तैयार है। आज इस मिशन को लॉन्च किया जाएगा। इसे लैग्रेंजियन बिंदु 1 (एल1) पर भेजा जाना है। पृथ्वी से 15 लाख किलोमीटर की दूरी पर स्थित इस बिंदु तक मिशन को पहुंचने में लगभग चार महीने का वक्त लगेगा। 

भारत के साथ-साथ पूरी दुनिया में हिन्दुस्तान के इस सूर्य मिशन को लेकर दिलचस्पी बढ़ी है। लोग इस मिशन की लॉन्चिंग का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। ऐसे में हम आपको सूर्य से जुड़े कई सवालों के जवाब बताएंगे। 

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सूरज (प्रतीकात्मक तस्वीर) - फोटो : Pixabay
पहले जानते है हैं आखिर सूरज है क्या?
आसान शब्दों में कहें तो सूरज धधकता हुआ आग का विशालकाय गोला है। सूर्य मुख्यतः हाइड्रोजन और हीलियम से मिलकर बना हुआ है। यह हमारे सौर मंडल का एकमात्र तारा है। सूरज हमारे सौरमंडल का केंद्र है और इसका गुरुत्वाकर्षण सौरमंडल को एक साथ बांधे रखता है। हमारे सौर मंडल में सब कुछ इसके चारों ओर घूमता है।

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sun - फोटो : SOCIAL MEDIA
सूर्य कितना बड़ा है?
सूर्य हमारे सौर मंडल की सबसे बड़ी वस्तु है, जिसकी केंद्र से सतह तक की दूरी 6,95,508 किलोमीटर है। इसमें पूरे सौर मंडल के द्रव्यमान का 99.86 फीसदी हिस्सा है। यह द्रव्यमान इतना है कि सूर्य में लगभग 13 लाख पृथ्वी समा सकती हैं। सूर्य पृथ्वी से लगभग 100 गुना और सबसे बड़े ग्रह बृहस्पति से लगभग 10 गुना अधिक चौड़ा है। यदि सूर्य एक सामान्य सामने वाले दरवाजे जितना लंबा होता, तो पृथ्वी निकल धातु के आकार की होती।

लंदन स्थिति नेचुरल हिस्ट्री म्यूजियम की मानें तो, कुछ तारे इसके आकार का केवल दसवां हिस्सा हैं, जबकि अन्य 700 गुना से भी ज्यादा बड़े हैं। अपने विशाल द्रव्यमान और प्रबल गुरुत्वाकर्षण के कारण सूर्य लगभग पूर्ण गोला है।

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सूर्य - फोटो : सोशल मीडिया
सूर्य कितना गर्म है?
कोर यानी केंद्र सूर्य का सबसे गर्म भाग है, जिसका तापमान 1.5 करोड़ डिग्री सेल्सियस है। इससे असाधारण मात्रा में ऊर्जा निकलती है जो बदले में गर्मी और प्रकाश के रूप में निकलती है। कोर में उत्पन्न ऊर्जा को बाहरी परत तक पहुंचने में दस लाख वर्ष तक का समय लगता है। इस समय तापमान गिरकर लगभग 20 लाख डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाता है। जब तक यह सतह पर आता है तब तक तापमान 5,973 डिग्री सेल्सियस तक कम हो जाता है लेकिन यह अभी भी इतना गर्म होता है कि हीरा उबल जाए।

सूर्य के कोरोना यानी वायुमंडल में तापमान फिर से लगभग 20 लाख डिग्री सेल्सियस तक बढ़ना शुरू हो जाता है। जैसे-जैसे सूर्य के केंद्र से दूरी बढ़ती जाएगी, तापमान में गिरावट आने की उम्मीद होगी। वायुमंडल में तापमान में यह नाटकीय वृद्धि तारे के सबसे बड़े रहस्यों में से एक है। भारत के आदित्य-एल1 मिशन के उद्देश्यों में से भी इस तापमान भिन्नता को पता लगाना भी शामिल है। 

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सूरज - फोटो : iStock
सूर्य किससे बना है?
सूर्य गैस और प्लाज्मा का एक गोला है। इसका लगभग 91 फीसदी भाग हाइड्रोजन गैस है। भीषण गर्मी और गुरुत्वाकर्षण बल के कारण परमाणु संलयन की प्रक्रिया के दौरान यह हीलियम में बदल जाता है। जब प्लाज्मा सूर्य के तापमान तक गर्म होता है, तो इसमें इतनी ऊर्जा होती है कि आवेशित कण तारे के गुरुत्वाकर्षण से बचकर अंतरिक्ष में उड़ते हैं। इसे सौर पवन कहा जाता है जो कुछ परिस्थितियों में पृथ्वी के वायुमंडल से टकराती है।

हाइड्रोजन और हीलियम के अलावा, वैज्ञानिकों ने सूर्य में कम से कम 65 अन्य तत्वों का पता लगाया है। इनमें से सबसे प्रचुर मात्रा में ऑक्सीजन, कार्बन, नाइट्रोजन, सिलिकॉन, मैग्नीशियम, नियॉन, लोहा और सल्फर शामिल हैं।

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सौरमंडल - फोटो : Pixabay
क्या सूर्य घूमता है?
हां। यद्यपि सूर्य पृथ्वी की तरह ठोस नहीं है, फिर भी यह घूमता है क्योंकि प्लाज्मा इसकी सतह के चारों ओर घूमता है। औसतन सूर्य को अपनी धुरी पर एक चक्कर लगाने में 27 दिन (पृथ्वी के हिसाब से) लगते हैं, लेकिन विभिन्न भाग अलग-अलग गति से चलते हैं। 

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सूर्य - फोटो : iStock
सनस्पॉट क्या हैं?
सनस्पॉट सूर्य की सतह के ठंडे हिस्से हैं और प्रकाशमंडल (सूर्य की वह सतह जिसे हम पृथ्वी से देखते हैं) में पाए जाते हैं। सतह पर अस्थायी धब्बे हमें इसके आसपास के गर्म प्लाज्मा की तुलना में अधिक गहरे दिखाई देते हैं। ये ठंडे स्थान 50,000 किलोमीटर तक फैले हो सकते हैं। 

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सूर्य - फोटो : iStock
सौर ज्वालाएं क्या हैं?
सौर ज्वालाएं पूरे सौर मंडल में सबसे बड़ी विस्फोटक घटनाएं हैं। वे तब घटित होती हैं जब सनस्पॉट से जुड़े चुंबकीय क्षेत्र ऊर्जा को गर्मी में परिवर्तित करते हैं और कणों को तेज करते हुए इसे अंतरिक्ष में फेंक देते हैं। वैज्ञानिक आमतौर पर सौर ज्वालाओं से आने वाली पराबैंगनी किरणों, एक्स-रे और गामा-किरणों को मापते हैं। ये आम तौर पर सूर्य की सतह पर धधकती आग के रूप में दिखाई देते हैं और कुछ मिनटों से लेकर कुछ घंटों तक रह सकते हैं।   

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सूर्य - फोटो : iStock
सूर्य किस प्रकार का तारा है?
सूर्य वर्तमान में एक पीला बौना तारा है। सभी तारों की तरह, इसकी शुरुआत एक सिकुड़ती हुई निहारिका के रूप में हुई। पहले यह धूल और गैस का एक बादल रहा होगा।

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सूर्य की तस्वीर - फोटो : nasa
सूर्य क्या फट सकता है?
एक सवाल उठता है कि सूर्य यदि एक गोला है, तो कहीं इसके फटने का खतरा तो नहीं, लेकिन ऐसा नहीं होगा। जब इसके मूल में मौजूद सारा हाइड्रोजन जल जाता है, तो यह बाहर निकल जाता है। 

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सूर्य ग्रहण। - फोटो 
सूर्य ग्रहण क्या है?
कभी-कभी चंद्रमा सूर्य और पृथ्वी के बीच आ जाता है। यदि तीनों एक ही रेखा में आ जाते हैं, तो चंद्रमा सूर्य को पूरी तरह से अवरुद्ध कर सकता है, जिससे पृथ्वी पर छाया पड़ सकती है और सूर्य ग्रहण हो सकता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि भले ही सूर्य चंद्रमा से 400 गुना बड़ा है लेकिन चंद्रमा पृथ्वी से 400 गुना अधिक पास है।

सूर्य ग्रहण लगभग हर छह महीने में होते हैं, लेकिन पूर्ण सूर्य ग्रहण, जिसमें सूर्य चंद्रमा द्वारा पूरी तरह से ढक जाता है, बहुत दुर्लभ होते हैं। वे लगभग हर दो साल में घटित होते हैं वो भी पृथ्वी के सुदूर क्षेत्रों में। ये पूर्ण ग्रहण कुछ सेकंड तक ही रह सकते हैं, लेकिन सात मिनट से ज्यादा नहीं।   

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sun - फोटो : pexel
सूर्य का प्रकाश धरती तक कितने समय में पहुंचता है?
सूर्य कण और प्रकाश दोनों उत्सर्जित करता है। प्रकाश को पृथ्वी तक पहुंचने में आठ मिनट लगते हैं लेकिन अधिकांश समय कणों को सूर्य से पृथ्वी तक का सफर तय करने में लगभग तीन दिन लगते हैं। दरअसल, 150 करोड़ किलोमीटर की औसत दूरी से पृथ्वी सूर्य से ठीक एक खगोलीय इकाई दूर है। किसी विमान को इतनी दूरी तय करने में 20 साल से अधिक का समय लगेगा। 

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सूर्य - फोटो : Istock
पृथ्वी या चंद्रमा की तरह सूर्य पर दिन कैसे गिने जाते हैं?
सूर्य पर दिन मापना उसके घूमने के तरीके के कारण बेहद कठिन है। यह एक ठोस गेंद की तरह नहीं घूमता। ऐसा इसलिए है क्योंकि सूर्य की सतह पृथ्वी की तरह ठोस नहीं है। इसके बजाय, सूर्य अत्यंत गर्म प्लाज्मा कहे जाने वाले विद्युत आवेशित गैस से बना है। यह प्लाज्मा सूर्य के अलग-अलग हिस्सों पर अलग-अलग गति से घूमता है। अपने भूमध्य रेखा पर सूर्य 25 पृथ्वी दिनों में एक चक्कर पूरा करता है। अपने ध्रुवों पर सूर्य पृथ्वी के हर 36 दिनों में अपनी धुरी पर एक बार घूमता है।


हम सूर्य का अध्ययन कैसे करते हैं?
अत्यधिक तापमान के कारण अंतरिक्षयानों से सूर्य का अध्ययन करना बहुत कठिन माना जाता है। हमें पृथ्वी उपग्रहों पर दूरबीनों और कैमरों का उपयोग करके अवलोकन पर निर्भर रहना होगा। हालांकि, 2020 में यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी और नासा ने सोलर ऑर्बिटर लॉन्च किया, जो इसका अवलोकन करते हुए सूर्य की एक अण्डाकार कक्षा में प्रवेश करेगा। इसी क्रम में शनिवार को इसरो भी आदित्य-एल1 मिशन को लॉन्च कर रहा है जो सूर्य का लैग्रेंजियन बिंदु एल1 से सूर्य के बारे में अध्ययन करेगा।

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