02:15 PM, 27-NOV-2023
प्रधान सचिव डॉ. पीके मिश्रा ने की श्रमिकों के परिजनों से बात
पीएम के प्रधान सचिव डॉ. पीके मिश्रा ने सिल्कयारा सुरंग का दौरा किया और वहां फंसे श्रमिकों से बातचीत की। उन्होंने फंसे हुए श्रमिकों के परिवारों से भी बात की। साथ ही श्रमिकों को भेजी जा रही खाद्य सामग्री की भी रिपोर्ट ली।
02:02 PM, 27-NOV-2023
रोबोटिक सिस्टम जानेंगे मजदूरों की मानसिक स्थिति
सुरंग के अंदर फंसे मजदूरों की मानसिक स्थिति जानने के लिए रेस्क्यू रोबोटिक सिस्टम का इस्तेमाल होगा। सिलक्यारा पहुंचे रोबोटिक्स साइंटिस्ट मिलिंद राज ने इस बारे में जानकारी दी। राहत एवं बचाओ कार्य के प्रभारी कर्नल दीपक पाटिल ने उन्हें लखनऊ से बुलाया है।
01:56 PM, 27-NOV-2023
टनलिंग विशेषज्ञ अर्नोल्ड डिक्स बोले - हम प्रगति कर रहे हैं
अंतरराष्ट्रीय टनलिंग विशेषज्ञ अर्नोल्ड डिक्स ने कहा कि हम प्रगति कर रहे हैं। हम जो प्रगति कर रहे हैं उससे मुझे टीम पर बहुत गर्व महसूस हो रहा है। मैन्युअल ड्रिलिंग अभी शुरू नहीं हुई है जैसे ही इसे शुरू किया जाएगा, हम जल्दी कामयाबी की ओर बढ़ेंगे।
01:28 PM, 27-NOV-2023
सेना की मदद से कुशल मजदूर जाएंगे
1-2 मीटर क्षतिग्रस्त पाइप को हटाने पर पूर्व इंजीनियर-इन-चीफ और बीआरओ के डीजी लेफ्टिनेंट जनरल हरपाल सिंह (रिटायर्ड) ने कहा कि मौजूदा स्थिति में जो ऑगर मशीन फंसी थी, उसे हटा दिया गया है। क्षतिग्रस्त पाइप के 1.5 मीटर हिस्सा को निकालने का प्रयास जारी हैं। इसे हटाने, मजबूत करने और मलबा हटाने के बाद सेना की मदद से कुशल मजदूर इसमें जाएंगे। हमें उम्मीद है कि यह जल्द ही किया जाएगा।
12:21 PM, 27-NOV-2023
सुरंग के ऊपर 36 मीटर हुई वर्टिकल ड्रिल
सुरंग के ऊपर वर्टिकल ड्रिल 36 मीटर तक की जा चुकी है। वहीं दूसरी तरफ प्रधान सचिव पीके मिश्रा, गृह सचिव अजय कुमार भल्ला व मुख्य सचिव एसएस संधू बैठक के लिए मीटिंग हॉल की तरफ रवाना। बैठक में रेस्क्यू ऑपरेशन जुड़े अधिकारियों के साथ करेंगे चर्चा।
12:15 PM, 27-NOV-2023
ऑगर मशीन का सारा मलबा हटा गया
माइक्रो टनलिंग विशेषज्ञ क्रिस कूपर ने बताया कि ऑगर मशीन का सारा मलबा हटा दिया गया। मैन्युअल ड्रिलिंग संभवत: तीन घंटे के बाद शुरू होगी। हमें 9 मीटर हाथ से सुरंग बनाने का काम करना है। यह निर्भर करता है जमीन कैसे व्यवहार करती है। जल्दी हो सकता है या थोड़ा लंबा हो सकता है। अगर हम कुछ जालीदार गर्डर से टकराते हैं। तो हमें जाली गर्डर को काटना होगा, लेकिन हमें विश्वास है कि हम इससे पार पा सकते हैं।
11:40 AM, 27-NOV-2023
प्रधान सचिव पीके मिश्रा पहुंचे सिलक्यारा
प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव पीके मिश्रा, गृह सचिव अजय कुमार भल्ला व मुख्य सचिव एसएस संधू सिलक्यारा पहुंच गए हैं। वह रेस्क्यू ऑपरेशन का जायदा लेंगे।
11:12 AM, 27-NOV-2023
केंद्रीय मंत्री जनरल वीके सिंह ने की मंदिर में पूजा-अर्चना
केंद्रीय मंत्री जनरल वीके सिंह (सेवानिवृत्त) ने उत्तरकाशी में सिल्क्यारा सुरंग के मुहाने के पास बने मंदिर में पूजा-अर्चना की। ऑगर मशीन की विफलता के बाद, फंसे हुए 41 श्रमिकों तक पहुंचने के लिए सुरंग के ऊपर से ड्रिलिंग शुरू हुई थी।
10:22 AM, 27-NOV-2023
'टनकपुर से जो श्रमिक फंसे थे, मैं उनके परिवार से मिला'
उत्तरकाशी सुरंग बचाव अभियान पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि इसमें (बचाव अभियान) सभी ने काफी प्रयास किया है। उन्होंने मशीन का आधा हिस्सा काट दिया है। पाइप के आगे का हिस्सा मुड़ गया है फिर ड्रिलिंग का काम शुरू होगा। टनकपुर से जो श्रमिक फंसे थे, मैं उनके परिवार से मिला। पीएम नरेंद्र मोदी भी इस मामले पर अपनी नजर बनाए हुए हैं।
09:56 AM, 27-NOV-2023
प्रधानमंत्री कार्यालय के उप सचिव पहुंचे
प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) के उप सचिव मंगेश घिल्डियाल सिल्कयारा टनल बचाव स्थल पर पहुंचे।
07:49 PM, 26-NOV-2023
पहले कब-कब जगी उम्मीदें
14 नवंबर: मजदूरों को बचाने के लिए सुरंग के भीतर ड्रिल शुरू हुई। मलबे की बाधा आई लेकिन तेजी से अभियान ने उम्मीद जगाई।
16 नवंबर : पहली मशीन के नाकाम होने के बाद दूसरी अमेरिकन ऑगर मशीन से ड्रिल शुरू हुई। 18 मीटर तक पहुंची तो उम्मीद बढ़ी।
20 नवंबर : टनल के भीतर सफलतापूर्वक 6 इंच का पाइप पहुंचा तो 900 मिमी पाइप के पहुंचने की उम्मीद फिर बढ़ गई।
21 नवंबर: मशीन के भीतर टेलिस्कोपिक कैमरा पहुंचाया। मजदूर दिखे। अभियान में और तेजी आई। 900 मिमी पाइप 22 मीटर पर अटकने के बाद 800 मिमी पाइप उसके भीतर से भेजने का काम शुरू हुआ।
07:28 PM, 26-NOV-2023
यमुनोत्री धाम के आसपास बर्फबारी
यमुनोत्री धाम सहित यमुना घाटी में बादल छाए हुए हैं। यमुनोत्री धाम के आसपास बर्फबारी शुरु हो गई है। वहीं नीचले इलाकों में बारिश का मौसम बना हुआ है।
07:23 PM, 26-NOV-2023
मशीन के ऑगर को बाहर निकाला गया
सिलक्यारा सुरंग के ऊपर वर्टिकल ड्रिलिंग का काम जारी है। अभी तक 30 मीटर तक ड्रिलिंग कर ली गई है। वहीं सुरंग के अंदर फंसे ऑगर मशीन के ऑगर (बरमे) को बाहर निकाल लिया गया है। अब यहां मैन्युअल ड्रिलिंग का काम शुरू किया जाएगा, जो कि भारतीय सेना की इंजीनियरिंग बटालियन मद्रास सेपर्स की निगरानी में आगे बढे़गा। यहां मैन्युअल ड्रिलिंग के लिए रैट माइनिंग विधि अपनी जाएगी, जिसमें छोटी-छोटी सुरंगे खोदी जाती हैं, कोयले की खदान में इस तरह की सुरंगें बनाई जाती है।
06:27 PM, 26-NOV-2023
सुरंग के ऊपर हुए काम
सिलक्यारा सुरंग के ऊपर सतलुज जल विद्युत निगम लिमिटेड(एसजेवीएनएल) की टीम ने वर्टिकल ड्रिलिंग शुरू की। यहां 1.5 मीटर व्यास में ड्रिल मशीन की रिक से ड्रिलिंग शुरु की। जिससे दोपहर बाद तक 15 मीटर तक ड्रिलिंग शुरु कर दी है। एनएचआईडीसीएल के एमडी महमूद अहमद ने बताया कि सुरंग के ऊपर एसजेवीएनएल की टीम से 1.2 मीटर व्यास में वर्टिकल ड्रिलिंग शुरू कर दी है। कुल 86 मीटर तक ड्रिलिंग होनी है। जिसमें दो दिन का समय लग सकता है। बताया कि एक ड्रिलिंग रिक की क्षमता 40 मीटर ड्रिल की है। जिसके बाद रिक को बदला जाएगा।
06:00 PM, 26-NOV-2023
आंध्रप्रदेश से बुलाया गई ओएनजीसी की एक टीम
बीते शुक्रवार शाम को सुरंग के अंदर फंसे मजदूर के बचाओ अभियान को तब झटका लगा था, जब ऑगर मशीन से ड्रिलिंग करीब 12 मीटर ही बची थी। लेकिन ड्रिलिंग के दौरान मशीन का ऑगर(बरमा) के ब्लेड सरियों व लोहे के पाइप में उलझ कर फंस गए, इसे निकालने का प्रयास किया गया तो यह अंदर ही टूट गए। इसके बाद डीआरडीओ हैदराबाद से वायुसेना के डोर्नियर विमान से लेजर कटर और चंडीगढ़ से प्लाज्मा कटर मंगवाया गया। साथ ही ओएनजीसी की एक टीम को भी आंध्रप्रदेश के राजामुंदरी से बुलाया गया।
05:34 PM, 26-NOV-2023
क्षैतिज ड्रिलिंग तैयार की जाएगी
सुरंग के पोलगांव बड़कोट सिरे से अब तक 10 मीटर तक ढाई मीटर व्यास की सुरंग तैयार कर ली गई है। इसके अलावा आरवीएनएल के द्वारा भी लंबवत व क्षैतिज ड्रिलिंग तैयार की जाएगी। जिसके लिए सभी मशीनें पहुंच गई है।
05:08 PM, 26-NOV-2023
एक बार फिर अभियान तेज
सिलक्यारा सुरंग में फंसे 41 मजदूरों को बचाने के लिए एक बार फिर अभियान तेज हुआ है। लेजर व प्लाज्मा कटर पहुंचने के बाद ऑगर मशीन के फंसे हुए बरमे को काटनकर निकालने के काम में तेजी आई। वहीं सुरंग के ऊपर वर्टिकल ड्रिलिंग शुरु कर 15 मीटर तक ड्रिलिंग कर ली गई है।
04:45 PM, 26-NOV-2023
Uttarkashi Tunnel Rescue Live: रोबोटिक सिस्टम से जानेंगे मजदूरों की मानसिक स्थिति, सिलक्यारा पहुंचे साइंटिस्ट
सिलक्यारा सुरंग में 15 दिन से फंसे 41 श्रमिकों को निकालने के लिए वर्टिकल ड्रिलिंग की जा रही है। अब खबर सामने आई है कि यदि कोई बाधा नहीं आई, तो दो दिन में श्रमिकों तक पहुंच सकते हैं। वहीं दूसरी तरफ आज से प्रदेश में मौसम भी करवट बदलेगा। मौसम विभाग की ओर से अगले तीन दिन बारिश और बर्फबारी की चेतावनी दी गई। यदि मौसम बाधा बना तो एक बार फिर श्रमिकों के जल्दी बाहर निकलने की उम्मीद को झटका लग सकता है।
मैनुअल ड्रिलिंग का जिम्मा संभालेगी सेना
सिलक्यारा सुरंग के अंदर मैनुअल ड्रिलिंग के काम में भारतीय सेना की इंजीनियरिंग कोर मदद करेगी। मैन्युअल खोदाई आज सोमवार से शुरू होगी। रविवार सुबह सेना की इंजीनियरिंग रेजीमेंट मद्रास इंजीनियर ग्रुप (एमईजी) की एक टुकड़ी सिलक्यारा पहुंच गई है जो यहां मैनुअल ड्रिलिंग का जिम्मा संभालेगी। सिलक्यारा सुरंग के अंदर फंसे 41 श्रमिकों को बचाने के लिए ऑगर मशीन से ड्रिलिंग का काम किया जा रहा था।
करीब 47 मीटर तक ड्रिलिंग कर मलबे में 800 मिमी के पाइप डाल दिए गए थे कि बीते शुक्रवार शाम को ऑगर मशीन के ब्लेड सरियों में फंस कर टूट गए जिसके बाद से ही मशीन से ड्रिलिंग का काम ठप हैं। वहीं फंसे हुए ऑगर को बाहर निकालने के लिए लेजर, प्लाज्मा व गैस कटर से कटिंग का काम जारी है। ऑगर को बाहर निकालने के बाद मैनुअल ड्रिलिंग की जाएगी। इसके लिए खासतौर पर भारतीय सेना की मद्रास इंजीनियर ग्रुप की टुकड़ी को बुलाया गया है।