https://www.youtube.com/c/AIBSNews24

Rajasthan: भाजपा के हिंदुत्व कार्ड के आगे कांग्रेस ध्वस्त, जातिगत समीकरण साधने में फेल रहे अशोक गहलोत

 सार

पांच साल से कांग्रेस सरकार के मंत्रियों-विधायकों के कामकाज से लोग नाराज थे। गहलोत और पायलट के बीच टकराव से मंत्रियों व विधायकों पर भी पार्टी या सरकार का नियंत्रण नहीं था, जिसके कारण माहौल खराब होता चला गया।




विस्तार

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक बार कांग्रेस और एक बार भाजपा की सरकार बनने की परंपरा को बदलने के लिए राजस्थान सरकार की तिजोरी को खोल दिया था। गारंटी देने से लेकर कांग्रेस को वोट देने के लिए सचिन पायलट तक का वीडियो संदेश अपने सोशल मीडिया हैंडल से जारी किया। राहुल गांधी से लेकर मल्लिकार्जुन खरगे तक ने जयपुर में कैंप किए, लेकिन सरकार रिपीट नहीं हो पाई। भाजपा के हिंदुत्व कार्ड, ध्रुवीकरण के आगे कांग्रेस पस्त हो गई। सचिन पायलट से टकराव गहलोत को भारी पड़ा। भाजपा की पांच साल बाद फिर सत्ता में वापसी हो गई है। प्रदेश की जनता ने पीएम मोदी पर भरोसा जताया है। उनके ही चेहरे पर भाजपा ने चुनाव लड़ा, जिस पर जनता ने वोट किया है।

चार वजहें...जिनसे प्रभावित हुए नतीजे
  1. कांग्रेस के मंत्रियों और विधायकों का भ्रष्टाचार: पांच साल से कांग्रेस सरकार के मंत्रियों-विधायकों के कामकाज से लोग नाराज थे। गहलोत और पायलट के बीच टकराव से मंत्रियों व विधायकों पर भी पार्टी या सरकार का नियंत्रण नहीं था, जिसके कारण माहौल खराब होता चला गया।
  2. महिला अपराध, पेपर लीक, भ्रष्टाचार से गुस्सा: राज्य में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद से ही महिला अपराध के मामले बढ़ रहे थे। लगातार पेपर लीक हो रहे थे। मंत्रियों और अधिकारियों तक पर संगीन आरोप लग रहे थे, जिससे महिलाओं और युवाओं में गहलोत सरकार के प्रति नाराजगी थी।
  3. अंदरूनी कलह, पायलट की अनदेखी से गुर्जर वोट बैंक छिटका: पिछली बार सचिन पायलट प्रदेश अध्यक्ष थे। इस नाते गुर्जर समाज ने कांग्रेस को एकतरफा वोट किया था। बाद में पायलट को किनारे कर दिया गया। इससे गुर्जर समाज नाराज हो गया, जिसका भाजपा को लाभ मिला। मोदी ने भी इसे प्रमुखता से उठाया था।
  4. तुष्टीकरण बनाम ध्रुवीकरण: उदयपुर में कन्हैया लाल हत्याकांड। करौली व जोधपुर में दंगों पर पुलिस की नरमी। जयपुर बम धमाके के आरोपियों की कमजोर पैरवी को भाजपा ने मुद्दा बनाया। पहली बार भाजपा ने किसी भी मुस्लिम प्रत्याशी को टिकट नहीं दिया, जिससे चुनाव में तुष्टीकरण बनाम ध्रुवीकरण का मुद्दा छाया रहा।
वसुंधरा राजे, पूर्व सीएम ने कहा कि राजस्थान में भाजपा की जीत पीएम मोदी की गारंटी की जीत है। उनके मंत्र सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास की जीत है। अमित शाह की रणनीति व जेपी नड्डा के कुशल नेतृत्व की जीत है। कार्यकर्ताओं की जीत है, जो दिन-रात पीएम के सपने को साकार करने की दिशा में काम कर रहे हैं। यह जनता जनार्दन की जीत है, जिसने कांग्रेस के कुराज को ठुकराया और भाजपा के सुराज को अपनाया। 

राजस्थान : पिछले चुनावों का प्रदर्शन
मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में भाजपा की प्रचंड जीत के पीछे कई कारण हैं। मप्र में जहां महिलाओं और किसानों ने भाजपा की गारंटियों पर भरोसा जताया तो राजस्थान में हिंदुत्व कार्ड ने जीत का रास्ता खोला। छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की कर्ज माफी योजना भाजपा के वादों के आगे फीकी पड़ गई। कांग्रेस को राहत तेलंगाना ने दी, जहां ग्रामीण और मुस्लिम वोटरों ने उसे सत्ता की राह दिखा दी।

Post a Comment

Previous Post Next Post