सार
कोर्ट ने पहले ज्ञानवापी में पहले सर्वे और अब व्यासजी के तहखाने में पूजा-पाठ का आदेश दिया है। जिला जज ने सेवानिवृत्ति के दिन यह फैसला सुनाया। 355 वर्ष पुराने विवाद का पटाक्षेप कानूनी तरीके से होने की उम्मीद जगी है। जिला जज डॉ अजय कृष्ण विश्वेश का नाम इतिहास में दर्ज हुआ है
विस्तार
न्यायिक सेवा के आखिरी दिन बुधवार को जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश ज्ञानवापी ऐतिहासिक प्रकरण से संबंधित मुकदमे में आदेश देकर इतिहास के पन्नों में दर्ज हो गए। ज्ञानवापी का पूरा मसला उन्हीं के कार्यकाल में ही महत्वपूर्ण पड़ाव से गुजरा
अब ऐसा भी प्रतीत होने लगा है कि 355 वर्ष पुराने विवाद का पटाक्षेप भी कानूनी तरीके से जल्द ही होगा। जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश ने 21 अगस्त 2021 को जिला जज का कार्यभार संभाला था। 20 मई 2022 को सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया था कि मां शृंगार गौरी से संबंधित मुकदमे की सुनवाई जिला जज करें।
जिला जज ने आदेश दिया कि मां शृंगार गौरी का मामला विशेष पूजा स्थल अधिनियम से बाधित नहीं है। जिला जज ने मां शृंगार गौरी वाद के साथ सात अन्य मामलों को भी अपनी कोर्ट में स्थानांतरित कर एकसाथ सुनवाई करने का आदेश दिया। जिला जज ने ही ज्ञानवापी परिसर में 21 जुलाई 2023 को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) को सर्वे का आदेश दिया था।
जिला जज के आदेश से ही 839 पन्ने की सर्वे रिपोर्ट 25 जनवरी 2024 को पक्षकारों को मिली और सार्वजनिक हुई। न्यायिक सेवा के आखिरी के दिन बुधवार को जिला जज ने ही ज्ञानवापी स्थित व्यासजी के तहखाने में 30 वर्ष बाद दोबारा पूजा-पाठ का मार्ग प्रशस्त किया है।
जिला जज ने आदेश दिया कि मां शृंगार गौरी का मामला विशेष पूजा स्थल अधिनियम से बाधित नहीं है। जिला जज ने मां शृंगार गौरी वाद के साथ सात अन्य मामलों को भी अपनी कोर्ट में स्थानांतरित कर एकसाथ सुनवाई करने का आदेश दिया। जिला जज ने ही ज्ञानवापी परिसर में 21 जुलाई 2023 को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) को सर्वे का आदेश दिया था।
जिला जज के आदेश से ही 839 पन्ने की सर्वे रिपोर्ट 25 जनवरी 2024 को पक्षकारों को मिली और सार्वजनिक हुई। न्यायिक सेवा के आखिरी के दिन बुधवार को जिला जज ने ही ज्ञानवापी स्थित व्यासजी के तहखाने में 30 वर्ष बाद दोबारा पूजा-पाठ का मार्ग प्रशस्त किया है।