सार
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने बदायूं लोकसभा सीट से भाई धर्मेंद्र यादव का टिकट काटकर चाचा शिवपाल सिंह यादव को मैदान में उतारा है। माना जा रहा है कि सपा ने इस फैसले से शिवपाल को प्रत्याशी बनाकर सलीम शेरवानी और आबिद रजा को साधने की कोशिश की है
विस्तार
पूर्व सांसद धर्मेंद्र यादव का बदायूं लोकसभा सीट से टिकट काटकर सपा ने पूर्व सांसद सलीम शेरवानी और पूर्व विधायक आबिद रजा को साधने की कोशिश की है। अब बदायूं सीट से धर्मेंद्र यादव के स्थान पर शिवपाल सिंह यादव को प्रत्याशी बनाया गया है। मंगलवार को जारी सपा की तीसरी सूची में बदायूं से शिवपाल सिंह के नाम की घोषणा की गई। जबकि धर्मेंद्र यादव को कन्नौज और आजमगढ़ का प्रभारी बनाया गया है।
बदायूं लोकसभा सीट से पांच बार सांसद रहे पूर्व विदेश राज्यमंत्री सलीम शेरवानी ने किसी मुस्लिम को राज्यसभा चुनाव में प्रत्याशी न बनाए जाने पर रविवार को सपा राष्ट्रीय महासचिव पद से इस्तीफा दे दिया था। 2009 में सपा ने शेरवानी का टिकट काटकर ही धर्मेंद्र यादव को प्रत्याशी बनाया था। इसके बाद से शेरवानी लोकसभा चुनाव में धर्मेंद्र यादव के खिलाफ कांग्रेस से मैदान में उतरते आ रहे हैं।
वह आंवला लोकसभा सीट से इस बार आबिद रजा को टिकट की पैरवी कर रहे थे। इससे पहले 2022 के विधानसभा चुनाव में भी सपा ने शेरवानी के बेटे शाद शेरवानी को शेखूपुर और आबिद रजा को शहर सीट से टिकट नहीं दिया था। जब शेरवानी ने इस्तीफा दिया तो आबिद रजा भी उनके साथ थे। चर्चा थी कि आबिद भी कोई कदम उठा सकते हैं। माना जा रहा है कि अखिलेश ने सलीम शेरवानी और आबिद को साधने के लिए ही चाचा शिवपाल यादव को मैदान में उतारा है।
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