सार
हमीरपुर खनन घोटाला क्या है? जिसमें सीबीआई ने अखिलेश यादव को नोटिस जारी कर पूछताछ के लिए बुलाया है। इस मामले में रोक के बाद भी पट्टों का आवंटन होता रहा।
विस्तार
हमीरपुर खनन घोटाला मामले में सीबीआई ने सपा प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को पूछताछ के लिए बुलाया है। सीबीआई सूत्रों के मुताबिक उन्हें बतौर गवाह बुलाया गया है। मामला 2012 से 2016 के बीच का है, जब अखिलेश मुख्यमंत्री थे। 2013 तक खनन विभाग अखिलेश के ही पास था
इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश पर मामले में सीबीआई ने दो जनवरी, 2019 को एफआईआर दर्ज की थी। मामले की जांच कर हमीरपुर के तत्कालीन जिलाधिकारी, तत्कालीन भूगर्भ विशेषज्ञ व खनन अधिकारी, कुछ कर्मचारियों व निजी कंपनियों समेत 11 को आरोपी बनाया गया।
आरोप है कि अफसरशाही और तत्कालीन अधिकारियों की मिलीभगत से लघु खनिज के खनन में बड़ी हेराफेरी हुई। साथ ही मामले में नियमों को ताक पर रख कर रेत खनन की लीज देने का आरोप है। पूरी प्रक्रिया में पर्यावरण संबंधी कानूनों और हरित न्यायाधिकरण (एनजीटी) के दिशानिर्देशों का भी उल्लंघन बताया गया।
इसी क्रम में कई निजी कंपनियों को भी ठेका दे दिया गया। इसके एवज में मोटी रकम का लेन-देन हुआ। एजेंसी ने दिल्ली-यूपी और राजस्थान में छापे मारकर घोटाले से जुड़े अमह सबूत जुटाए थे।
आरोप है कि अफसरशाही और तत्कालीन अधिकारियों की मिलीभगत से लघु खनिज के खनन में बड़ी हेराफेरी हुई। साथ ही मामले में नियमों को ताक पर रख कर रेत खनन की लीज देने का आरोप है। पूरी प्रक्रिया में पर्यावरण संबंधी कानूनों और हरित न्यायाधिकरण (एनजीटी) के दिशानिर्देशों का भी उल्लंघन बताया गया।
इसी क्रम में कई निजी कंपनियों को भी ठेका दे दिया गया। इसके एवज में मोटी रकम का लेन-देन हुआ। एजेंसी ने दिल्ली-यूपी और राजस्थान में छापे मारकर घोटाले से जुड़े अमह सबूत जुटाए थे।