सार
भाजपा मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव के जरिए आजमगढ़ सीट पर यादवों के बीच मजबूत पैठ बनाने में जुटी। आजमगढ़ में 20 बार चुनाव हुए हैं। 14 बार यादव प्रत्याशी को जीत मिली है
विस्तार
समाजवादी पार्टी को गढ़ में चुनौती देने लिए भाजपा ने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव को लगाया है। यह लोकसभा क्षेत्र यादव बहुल है। आजमगढ़ लोकसभा क्षेत्र में अब तक 20 बार चुनाव और उपचुनाव हुए हैं। इनमें 14 बार यादव प्रत्याशियों को जीत मिली है।
वर्तमान में दिनेश लाल यादव निरहुआ भाजपा सांसद हैं। वह अखिलेश यादव के सीट छोड़ने के बाद हुए उपचुनाव में जीतकर सांसद बने हैं। निरहुआ ने धर्मेंद्र यादव को चुनाव में हराया था। आजमगढ़ संसदीय सीट पर यादव और मुस्लिम मतदाता निर्णायक की भूमिका में रहते हैं।
इस कारण इसे सपा का गढ़ कहा जाता है। इसी का नतीजा रहा कि 2022 के विधानसभा चुनाव में भाजपा को एक भी सीट नहीं मिल सकी थी। आजमगढ़ में विधानसभा की 10 सीटें हैं। इसी तरह 2014 के लोकसभा और 2017 के विधानसभा चुनाव में भी भाजपा को झटका लगा था।
विधानसभा की 10 में से एक सीट पर ही जीत मिल सकी थी। 2019 के लोकसभा चुनाव में खाली हाथ रहना पड़ा था। अब भाजपा मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव के जरिये सामाजिक और जातीय समीकरण साधने में जुटी है।
इस कारण इसे सपा का गढ़ कहा जाता है। इसी का नतीजा रहा कि 2022 के विधानसभा चुनाव में भाजपा को एक भी सीट नहीं मिल सकी थी। आजमगढ़ में विधानसभा की 10 सीटें हैं। इसी तरह 2014 के लोकसभा और 2017 के विधानसभा चुनाव में भी भाजपा को झटका लगा था।
विधानसभा की 10 में से एक सीट पर ही जीत मिल सकी थी। 2019 के लोकसभा चुनाव में खाली हाथ रहना पड़ा था। अब भाजपा मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव के जरिये सामाजिक और जातीय समीकरण साधने में जुटी है।