सार
बाबू, विश्वास, शहाबुद्दीन, बीकेडी पर पुलिस की पैनी निगाह रहेगी। मुख्तार अंसारी के चारों करीबी शूटर वर्षों से भूमिगत रहकर साथ देते रहे। पूर्वांचल में विश्वास फिर पैठ जमा रहा है। गुड्डू मुस्लिम को पनाह देने का भी शक है।
विस्तार
माफिया एवं पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी की मौत के बाद पुलिस की पैनी निगाह उसके चार सबसे करीबी शूटर अताउर्रहमान उर्फ बाबू उर्फ सिकंदर, विश्वास नेपाली, शहाबुद्दीन और बीकेडी पर रहेगी, जो सालों से भूमिगत रहकर उसके मददगार बने रहे। बाबू, विश्वास और शहाबुद्दीन को यूपी पुलिस के साथ सीबीआई भी बीते करीब सालों से तलाश रही है।
दरअसल, बीते आठ साल के दौरान मुख्तार गैंग के तमाम सदस्य पुलिस मुठभेड़ या आपसी गैंगवार में मारे गए। इनमें भाजपा विधायक कृष्णानंद राय की हत्या करने वाले शूटर मुन्ना बजरंगी, राकेश पांडेय, नौशाद, संजीव महेश्वरी उर्फ जीवा भी शामिल हैं।
मुन्ना बजरंगी की बागपत जेल में पश्चिमी उप्र के माफिया सुनील राठी ने हत्या कर दी थी, वहीं राकेश पांडेय उर्फ हनुमान को एसटीएफ एनकाउंटर में ढेर कर चुकी है। कृष्णानंद राय की हत्या में शामिल बिहार के शूटर नौशाद को एसटीएफ ने वर्ष 2005 में ही गाजीपुर में ढेर कर दिया था।
वहीं संजीव महेश्वरी उर्फ जीवा को बीते वर्ष लखनऊ की अदालत में पेशी के दौरान एक युवक ने ताबड़तोड़ गोलियां बरसाकर मार दिया था। वहीं वर्ष 2021 में मुख्तार के करीबी अजीत सिंह की भी लखनऊ में हत्या हो गयी थी।