सार
World Politics: 2024 एक चुनावी साल है। अकेले यूरोप में कम से कम 64 देशों में राष्ट्रीय चुनाव हैं। इनमें से कई देशों में चुनाव हो भी चुके हैं। दुनिया के 10 सबसे अधिक आबादी वाले देशों में से आठ में 2024 चुनावी साल है। इनमें भी भारत समेत कई देशों में चुनाव संपन्न हो चुके हैं
विस्तार
बीते हफ्ते ब्रिटेन, फ्रांस, ईरान जैसे बड़े देशों में चुनाव हुए। इन देशों में सत्ताधारियों को झटका लगा है। ब्रिटेन में ऋषि सुनक की कंजर्वेटिव पार्टी 14 साल बाद देश की सत्ता से बाहर हो गई। फ्रांस में राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉ की पार्टी रेनेशां को वामपंथी गठबंधन से शिकस्त मिली। वहीं ईरान में सुधारवादी नेता मसूद पेजेशकियान ने कट्टरपंथी सईद जलीली को हराकर राष्ट्रपति चुनाव जीत लिया।
ये केवल तीन चुनाव नहीं थे जिनमें सत्ताधारियों को झटका लगा है। इस साल हुए कई देशों के आम चुनावों के नतीजों ने दुनिया को चौंकाया है। आइये जानते हैं कि इस साल किन बड़े देशों में चुनाव हुए? यहां के नतीजे कैसे रहे? ये नतीजे क्या बताते हैं?
इस साल किन बड़े देशों में चुनाव हुए?
2024 एक चुनावी साल रहा है। टाइम्स पत्रिका की रिपोर्ट के मुताबिक इस साल विश्व स्तर पर इतिहास में पहले से कहीं अधिक मतदाता चुनाव में भाग लेंगे। अकेले यूरोप में कम से कम 64 देशों में राष्ट्रीय चुनाव हैं, जो दुनिया में लगभग 49% लोगों की कुल आबादी का प्रतिनिधित्व करते हैं। दुनिया के 10 सबसे अधिक आबादी वाले देशों में से आठ में 2024 में चुनाव में निर्धारित थे। ये देश हैं - बांग्लादेश, ब्राजील, भारत, इंडोनेशिया, मैक्सिको, पाकिस्तान, रूस और अमेरिका। हालांकि, इनमें से ज्यादातर देशों में चुनाव संपन्न हो चुके हैं। इसके अलावा, फ्रांस, ब्रिटेन, ईरान और यूरोपीय संघ के चुनाव भी इसी साल हुए हैं
2024 एक चुनावी साल रहा है। टाइम्स पत्रिका की रिपोर्ट के मुताबिक इस साल विश्व स्तर पर इतिहास में पहले से कहीं अधिक मतदाता चुनाव में भाग लेंगे। अकेले यूरोप में कम से कम 64 देशों में राष्ट्रीय चुनाव हैं, जो दुनिया में लगभग 49% लोगों की कुल आबादी का प्रतिनिधित्व करते हैं। दुनिया के 10 सबसे अधिक आबादी वाले देशों में से आठ में 2024 में चुनाव में निर्धारित थे। ये देश हैं - बांग्लादेश, ब्राजील, भारत, इंडोनेशिया, मैक्सिको, पाकिस्तान, रूस और अमेरिका। हालांकि, इनमें से ज्यादातर देशों में चुनाव संपन्न हो चुके हैं। इसके अलावा, फ्रांस, ब्रिटेन, ईरान और यूरोपीय संघ के चुनाव भी इसी साल हुए हैं
कहां कैसे रहे नतीजे?
फ्रांस: फ्रेंच मतदाताओं ने 30 जून और 7 जुलाई को दो चरणों में नेशनल असेंबली सांसदों के चुनाव के लिए मतदान किया। यहां संसद के निचले सदन नेशनल असेंबली की कुल 577 सीटों पर चुनाव हुए जिनमें बहुमत के लिए 289 सीटें जरूरी होती हैं।
फ्रांस के इस चुनाव में तमाम बड़े दल गठबंधन के तहत उतरे थे। रविवार को हुए दूसरे दौर के मतदान के बाद वामपंथी गठबंधन न्यू पॉपुलर फ्रंट ने फ्रांसीसी संसद में सर्वाधिक सीटें जीत लीं। इसने दक्षिणपंथी गठबंधन को पटखनी दी। वामपंथी न्यू पॉपुलर फ्रंट ने 182 सीटें जीतीं, जबकि राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के मध्यमार्गी एनसेम्बल गठबंधन ने 163 सीटें जीतीं। वहीं पहले चरण में बढ़त हासिल करने वाली अति दक्षिणपंथी पार्टी नेशनल रैली और उसके सहयोगी दल 143 सीटें जीतकर तीसरे स्थान पर खिसक गए। नेशनल रैली पार्टी का नेतृत्व अति दक्षिणपंथी नेता मरीन ले पेन कर रही हैं। इन नतीजों के बाद फ्रांस राजनीतिक अनिश्चितता में फंस गया है, क्योंकि कोई भी गठबंधन पूर्ण बहुमत हासिल करने के करीब नहीं पहुंच पाया है।
ईरान: पिछले हफ्ते ईरान की जनता ने भी अपना जनादेश सुनाया। देश में राष्ट्रपति चुनाव के लिए 28 जून और 5 जुलाई को मतदान कराए गए, जिसमें सुधारवादी नेता मसूद पेजेशकियन ने जीत हासिल की। 19 मई को एक हेलीकॉप्टर दुर्घटना में तत्कालीन राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी की मृत्यु के बाद ईरान में समय से पहले चुनाव हुए। चार उम्मीदवारों ने चुनाव के पहले दौर में चुनाव लड़ा, जिसमें 6 जुलाई को आए नतीजों में सुधारवादी मसूद पेजेशकियन ने कट्टरपंथी नेता सईद जलीली को हराकर जीत हासिल की। इस जीत के साथ ही पेजेशकियन ने ईरान के नए राष्ट्रपति का पद संभाल लिया है