सार
कैसे बिहार में कभी अपने दम पर सरकार बनाने वाली कांग्रेस राज्य में 'सहारों' पर निर्भर हो गई? राजद और कांग्रेस के गठबंधन में साथ आने की कहानी क्या है? कब-कब दोनों दल एक साथ चुनाव लड़े और गठबंधन में दोनों का प्रदर्शन कैसा रहा? इसके अलावा कब-कब दोनों पार्टियां साथ नहीं आईं और तब उनकी सीटों का गणित क्या रहा? आइये जानते हैं.
विस्तार
बिहार में इस साल की अंतिम तिमाही में होने वाले विधानसभा चुनावों को लेकर सरगर्मियां तेज हैं। जहां सत्तासीन एनडीए में शामिल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), जनता दल यूनाइटेड (जदयू), लोकजनशक्ति पार्टी (लोजपा) समेत सभी दल एकसाथ आने को लेकर प्रतिबद्धता जता चुके हैं, वहीं विपक्षी महागठबंधन में भी गठबंधन को लेकर बातचीत जारी है।
कुछ समय पहले नई दिल्ली में राजद और कांग्रेस की आखिरी बैठक में लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने बिहार में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव से मुलाकात की। बताया जाता है कि इस बैठक में दोनों पार्टियों के बीच सीट साझा करने पर चर्चाएं हुईं, हालांकि कुछ भी ठोस नहीं कहा गया। तेजस्वी ने बैठक के बाद कहा कि बिहार में इस बार एनडीए की सरकार नहीं बनने जा रही। वहीं, सांसद मनोज झा ने कहा था कि विधानसभा चुनाव के लिए महागठबंध पूरी तरह तैयार है।
कुछ ऐसी ही बैठक 5 मई को भी हुई है। पटना में हुई इस बैठक की अध्यक्षता तेजस्वी यादव ने की। इस बैठक की खास बात यह रही कि तेजस्वी यादव ने महागठबंधन का नाम लेने की जगह पूरे इंडिया गठबंधन को लोगों के बीच जाकर नीतीश सरकार की नाकामी बताने को कहा। इतना ही नहीं उन्होंने 17 महीने तक चली जदयू-राजद सरकार की उपलब्धियों को अलग से गिनाने की बात कही। वहीं, कांग्रेस ने भी इंडिया गठबंधन दलों के साथ एकता बनाते हुए चुनाव की तैयारी का आह्वान किया।
ऐसे में यह जानना अहम है कि आखिर कैसे बिहार में कभी अपने दम पर सरकार बनाने वाली कांग्रेस राज्य में 'सहारों' पर निर्भर हो गई? राजद और कांग्रेस के गठबंधन में साथ आने की कहानी क्या है? कब-कब दोनों दल एक साथ चुनाव लड़े और गठबंधन में दोनों का प्रदर्शन कैसा रहा? इसके अलावा कब-कब दोनों पार्टियां साथ नहीं आईं और तब उनकी सीटों का गणित क्या रहा?
ऐसे में यह जानना अहम है कि आखिर कैसे बिहार में कभी अपने दम पर सरकार बनाने वाली कांग्रेस राज्य में 'सहारों' पर निर्भर हो गई? राजद और कांग्रेस के गठबंधन में साथ आने की कहानी क्या है? कब-कब दोनों दल एक साथ चुनाव लड़े और गठबंधन में दोनों का प्रदर्शन कैसा रहा? इसके अलावा कब-कब दोनों पार्टियां साथ नहीं आईं और तब उनकी सीटों का गणित क्या रहा?