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ड्रैगन कैप्सूल से इस खास अंदाज में बाहर निकले शुभांशु, देखें उनका अंतरिक्ष से पृथ्वी तक का सफर

 सार




Shubhanshu Shukla Return From ISS: अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन (आईएसएस) की यात्रा पर गए भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला स्पेसएक्स के ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट के कैप्सूल में बैठकर पृथ्वी पर लौट आए हैं। दोपहर करीब 3 बजे उन्हें और उनके तीन अन्य साथियों को लेकर कैप्सूल पृथ्वी पर उतरा।


शुभांशु शुक्ला समेत चार अंतरिक्ष यात्री 20 दिन बाद अंतरिक्ष से वापस पृथ्वी पर लौट आए हैं। 23 घंटे के सफर बाद ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट ने कैलिफोर्निया के समंदर में स्पैलशडाउन किया। चारों अंतरिक्ष यात्री एक दिन पहले आईएसएस से पृथ्वी के लिए रवाना हुए थे। वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कैप्टन शुभांशु शुक्ला की सकुशल वापसी पर खुशी जताई है। उन्होंने अंतरिक्ष से धरती पर लौटने की इस यात्रा को मील का पत्थर करार दिया है।
 


वहीं, स्पेसएक्स ने सोशल मीडिया एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, ड्रैगन के सुरक्षित उतरने की पुष्टि हो गई है। एस्ट्रोपैगी, शक्स, एस्ट्रो_स्लावोज और टिबी, पृथ्वी पर आपका स्वागत है! शुभांशु शुक्ला, अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री पेगी व्हिटसन, पोलैंड के स्लावोज उज़्नान्स्की-विस्नीव्स्की और हंगरी के टिबोर कापू 26 जून को अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) के लिए रवाना हुए थे। शुभांशु शुक्ला पूर्व भारतीय अंतरिक्ष यात्री राकेश शर्मा के बाद अंतरिक्ष की यात्रा करने वाले दूसरे भारतीय बने हैं। राकेश शर्मा ने यह यात्रा 1984 में की थी।
Axiom-4 mission Shubhanshu Shukla return to human spaceflight
आज जब अंतरिक्ष यान पृथ्वी के वातावरण में लौट रहा था, तो 18 मिनट का डी-ऑर्बिट बर्न हुआ, जो प्रशांत महासागर के ऊपर हुआ। इस दौरान यान ने पृथ्वी की कक्षा से बाहर निकलने की प्रक्रिया शुरू की। अंतरिक्ष यान के वायुमंडल में प्रवेश करने के दौरान करीब सात मिनट तक यान से संपर्क टूट गया था। इसे ब्लैकआउट पीरियड कहा जाता है। यह आमतौर पर उस समय होता है, जब यान तेज गति और गर्मी के कारण सिग्नल नहीं पकड़ पाता।
 
Axiom-4 mission Shubhanshu Shukla return to human spaceflight
वापसी की प्रक्रिया में यान के ट्रंक (पिछला हिस्सा) को अलग किया गया और हीट शील्ड को सही दिशा में लगाया गया, ताकि यान को वायुमंडल में प्रवेश करते समय सुरक्षा मिल सके। उस समय यान को करीब 1,600 डिग्री सेल्सियस तक की गर्मी का सामना करना पड़ा। अंतरिक्ष यान की सफल लैंडिंग के दौरान पैराशूट दो चरणों में खोले गए।



Axiom-4 mission Shubhanshu Shukla return to human spaceflight
स्पेसएक्स ने बताया कि अप्रैल में एफआरसीएम-2 मिशन के जरिए ड्रैगन यान को पहली बार पश्चिमी तट (कैलिफोर्निया) पर उतारा गया था। यह दूसरा मौका था, जब ड्रैगन यान ने इंसानों को लेकर कैलिफोर्निया के तट पर लैंडिंग की। इससे पहले, स्पेसएक्स के ज्यादातर स्प्लैशडाउन (समुद्र में उतरने) अटलांटिक महासागर में होते थे।

Axiom-4 mission Shubhanshu Shukla return to human spaceflight
आईएसएस पर अपने दो सप्ताह से अधिक के प्रवास के दौरान, शुभांशु शुक्ला ने कुल 310 से ज्यादा बार पृथ्वी की परिक्रमा की और लगभग 1.3 करोड़ किलोमीटर की दूरी तय की। यह दूरी पृथ्वी और चंद्रमा के बीच की दूरी से 33 गुना अधिक है, जो अपने आप में एक शानदार उपलब्धि है।

 
Axiom-4 mission Shubhanshu Shukla return to human spaceflight
अंतरिक्ष मिशन के दौरान चालक दल ने अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) से 300 से ज्यादा सूर्योदय और सूर्यास्त देखे — जो पृथ्वी की तेज परिक्रमा की वजह से संभव हुआ। इसी बीच, इसरो ने सोमवार को बताया कि शुभांशु शुक्ला ने अपने मिशन के दौरान सभी सात सूक्ष्म-गुरुत्व प्रयोग और अन्य नियोजित वैज्ञानिक गतिविधियाँ सफलतापूर्वक पूरी कर ली हैं। इसरो ने इसे मिशन की एक बड़ी उपलब्धि बताया है।

 प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक्स प्लेटफॉर्म के जरिए कहा, "मैं पूरे देश के साथ ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला का स्वागत करता हूं, जो अपने ऐतिहासिक अंतरिक्ष मिशन से पृथ्वी पर लौट आए हैं। अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन का दौरा करने वाले भारत के पहले अंतरिक्ष यात्री के रूप में, उन्होंने अपने समर्पण, साहस और अग्रणी भावना से करोड़ों सपनों को प्रेरित किया है। यह हमारे अपने मानव अंतरिक्ष उड़ान मिशन गगनयान की दिशा में एक और मील का पत्थर है।"


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