सार
रूस, कच्चे तेल का दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक देश है, जिसका रोजाना का तेल उत्पादन करीब 9.5 मिलियन बैरल/प्रतिदिन है। यह वैश्विक मांग का करीब 10 प्रतिशत है।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया था कि भारत ने रूस से तेल आयात बंद करने का फैसला किया है। हालांकि अब खबर आई है कि भारत, रूस के सप्लायर्स से तेल खरीदना जारी रखेगा। सूत्रों ने बताया कि भारत द्वारा रूस से तेल खरीदने का फैसला कीमत, कच्चे तेल की गुणवत्ता, लॉजिस्टिक और आर्थिक कारणों पर आधारित है।
ट्रंप ने रूस से तेल खरीदने के लिए भारत पर लगाया टैरिफ
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बीती 30 जुलाई को भारत पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाने का एलान किया था। यह टैरिफ 1 अगस्त से लागू होना था, लेकिन फिर ट्रंप ने इसे 7 अगस्त तक टाल दिया। टैरिफ का एलान करते हुए ट्रंप सरकार ने कहा कि भारत द्वारा रूस से कच्चा तेल खरीदा जा रहा है, जिससे रूस को बड़ी आर्थिक मदद मिल रही है और उसके चलते रूस, यूक्रेन पर हमले जारी रखे हुए है। अमेरिका ने भारत से रूस से तेल न खरीदने को कहा था। ट्रंप ने शनिवार को दावा किया कि भारत अब रूस से तेल नहीं खरीदेगा।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बीती 30 जुलाई को भारत पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाने का एलान किया था। यह टैरिफ 1 अगस्त से लागू होना था, लेकिन फिर ट्रंप ने इसे 7 अगस्त तक टाल दिया। टैरिफ का एलान करते हुए ट्रंप सरकार ने कहा कि भारत द्वारा रूस से कच्चा तेल खरीदा जा रहा है, जिससे रूस को बड़ी आर्थिक मदद मिल रही है और उसके चलते रूस, यूक्रेन पर हमले जारी रखे हुए है। अमेरिका ने भारत से रूस से तेल न खरीदने को कहा था। ट्रंप ने शनिवार को दावा किया कि भारत अब रूस से तेल नहीं खरीदेगा।
ट्रंप ने दावा किया था- भारत ने रूस से तेल खरीदना बंद किया
ट्रंप ने बयान में कहा, 'मेरी समझ है कि भारत अब रूस से तेल नहीं खरीदेगा। ऐसा मैंने सुना है, पता नहीं यह सही है या नहीं। लेकिन यह एक अच्छा कदम है। अब देखना होगा कि आगे क्या होता है।' विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल से जब भारत द्वारा रूस से तेल न खरीदने की संभावना को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने संभलकर जवाब देते हुए कहा कि 'हम अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल की उपलब्धता और उस समय की वैश्विक स्थिति के आधार पर फैसले लेते हैं। जहां तक आपके सवाल की बात है, मुझे इसकी जानकारी नहीं है।'
ट्रंप ने बयान में कहा, 'मेरी समझ है कि भारत अब रूस से तेल नहीं खरीदेगा। ऐसा मैंने सुना है, पता नहीं यह सही है या नहीं। लेकिन यह एक अच्छा कदम है। अब देखना होगा कि आगे क्या होता है।' विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल से जब भारत द्वारा रूस से तेल न खरीदने की संभावना को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने संभलकर जवाब देते हुए कहा कि 'हम अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल की उपलब्धता और उस समय की वैश्विक स्थिति के आधार पर फैसले लेते हैं। जहां तक आपके सवाल की बात है, मुझे इसकी जानकारी नहीं है।'
रूस, दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा कच्चे तेल का उत्पादक
रूस, कच्चे तेल का दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक देश है, जिसका रोजाना का तेल उत्पादन करीब 9.5 मिलियन बैरल/प्रतिदिन है। यह वैश्विक मांग का करीब 10 प्रतिशत है। रूस, दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा निर्यातक देश भी है, जो लगभग 4.5 मिलियन बैरल प्रति दिन कच्चा तेल और 2.3 मिलियन बैरल प्रति दिन परिष्कृत उत्पादों का निर्यात करता है। साल 2022 में रूस-यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद रूसी तेल के बाजार से बाहर होने की आशंका थी, जिससे वैश्विक स्तर पर तेल की कीमतें बढ़ने की आशंका पैदा हो गई। हालांकि तेल सप्लाई में कुछ बाधा के चलते मार्च 2022 में कच्चे तेल की कीमतें बढ़कर 137 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल हो गईं। इस चुनौतीपूर्ण माहौल में, भारत ने अंतरराष्ट्रीय मानदंडों का पालन करते हुए रूस से तेल खरीदना जारी रखा। भारत अपनी जरूरत का 85 प्रतिशत तेल आयात करता है और दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा ऊर्जा उपभोक्ता देश है।
रूस, कच्चे तेल का दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक देश है, जिसका रोजाना का तेल उत्पादन करीब 9.5 मिलियन बैरल/प्रतिदिन है। यह वैश्विक मांग का करीब 10 प्रतिशत है। रूस, दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा निर्यातक देश भी है, जो लगभग 4.5 मिलियन बैरल प्रति दिन कच्चा तेल और 2.3 मिलियन बैरल प्रति दिन परिष्कृत उत्पादों का निर्यात करता है। साल 2022 में रूस-यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद रूसी तेल के बाजार से बाहर होने की आशंका थी, जिससे वैश्विक स्तर पर तेल की कीमतें बढ़ने की आशंका पैदा हो गई। हालांकि तेल सप्लाई में कुछ बाधा के चलते मार्च 2022 में कच्चे तेल की कीमतें बढ़कर 137 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल हो गईं। इस चुनौतीपूर्ण माहौल में, भारत ने अंतरराष्ट्रीय मानदंडों का पालन करते हुए रूस से तेल खरीदना जारी रखा। भारत अपनी जरूरत का 85 प्रतिशत तेल आयात करता है और दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा ऊर्जा उपभोक्ता देश है।
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