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NIA: आतंकी पन्नू के खिलाफ केस दर्ज, PM को लाल किले पर तिरंगा फहराने से रोकने के लिए 11 करोड़ का रखा था इनाम

 सार

NIA:  एनआईए ने प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन सिख फॉर जस्टिस के गुरपतवंत सिंह पन्नू और अन्य के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है। पन्नू ने पाकिस्तान में आयोजित एक कार्यक्रम को ऑनलाइन संबोधित करते हुए भारत के पंजाब राज्य की संप्रभुता को चुनौती दी और खालिस्तान का प्रचार किया था। उसने 15 अगस्त 2025 को लाल किले पर पीएम मोदी को तिरंगा फहराने से रोकने के लिए सिख सैनिकों को 11 करोड़ रुपये देने की पेशकश भी की थी।




विस्तार

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) के गुरपतवंत सिंह पन्नू और अन्य अज्ञात के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है। इसमें भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) और गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) की धाराएं लगाई गई हैं। 


यह प्राथमिकी 19 अगस्त को दर्ज की गई थी। प्राथमिकी में कहा गया है कि पन्नू ने 10 अगस्त 2025 को पाकिस्तान के लाहौर प्रेस क्लब में 'मीट द प्रेस' कार्यक्रम आयोजित किया था, जिसमें उसने वॉशिंगटन से वीडियो लिंक के जरिए पत्रकारों को संबोधित किया। उसके भाषण का मुख्य विषय पंजाब पर भारत की संप्रभुता को नकारना और खालिस्तान का प्रचार करना था। 

अपने संबोधन में पन्नू ने 15 अगस्त 2025 को लाल किले पर तिरंगा फहराने से रोकने वाले सिख सैनिकों को 11 करोड़ रुपये का इनाम देने की पेशकश की। साथ ही उसने सिख फॉर जस्टिस 'दिल्ली बनेगा पाकिस्तान' रेफरेंडम नक्शा भी जारी किया, जिसमें पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली को खालिस्तान में शामिल दिखाया गया है। 

कौन है गुरपतवंत सिंह पन्नू?
आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू पंजाब के गांव खानकोट का रहने वाला है और गांव में आज भी उसकी जमीन है। काका जी! मेरे बेटा अब बड़ा वकील बन चुका है। कनाडा में उसकी बड़े-बड़े लोगों से जान पहचान हो गई है। बात उन दिनों की है, जब आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू की मां जिंदा था और गांव में ठेके पर दी गई जमीन के पैसे लेने आती थी। यहां के लोगों का कहना है कि वह यहां आकर बताती थी कि उसका बेटा कनाडा में बड़ा वकील बन गया है।

इससे पता चलता है कि पन्नू की मां भी नहीं चाहती थी वह आतंकी कहलाए। पन्नू ने अपनी मां ही नहीं देश के अरमानों को भी चोट पहुंचाई है। खानकोट गांव अमृतसर-जंडियाला गुरु जीटी रोड में स्थित कस्बा दबूरजी के साथ बहती अपर दोआबा नहर के किनारे के अंतिम छोर में बसा  है। गांव की तरफ जाने वाली तंग सड़क के किनारे बह रही नहर की ओर से आने वाले ठंडी हवा के झोंके राहत देने वाले हैं। लेकिन इस गांव में पैदा हुए आतंकी गुरपतवंत सिंह की करतूतों से ग्रामीण भी स्तब्ध थे, जब उन्हें इस बात की जानकारी मिली है कि देश की अखंडता को तोड़ने की साजिश रचने वाला पन्नू उनके गांव का रहने वाला है। आतंकवाद के दौर में भी इस गांव के आसपास के गांवों में आतंकी घटनाएं हुईं थीं।


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