सार
सुरजीत यादव ने तर्क रखा कि केजरीवाल के पद पर बने रहने से न केवल कानून की उचित प्रक्रिया में बाधा आएगी और न्याय की प्रक्रिया बाधित होगी, बल्कि राज्य में संवैधानिक तंत्र भी टूट जाएगा
विस्तार
हाईकोर्ट आबकारी नीति से जुड़े धन शोधन के मामले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद उन्हें मुख्यमंत्री पद से हटाने के मामले में 28 मार्च को सुनवाई करेगा। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनमोहन एवं न्यायमूर्ति मनमीत प्रीतम सिंह अरोड़ा की पीठ के समक्ष सुनवाई होगी। यह याचिका दिल्ली निवासी सुरजीत सिंह यादव ने दायर की है, जो किसान और सामाजिक कार्यकर्ता होने का दावा करते हैं। उन्होंने अनुरोध किया है कि केंद्र सरकार, दिल्ली सरकार एवं उपराज्यपाल के प्रधान सचिव से यह बताने को कहा जाए कि किस अधिकार के तहत केजरीवाल मुख्यमंत्री पद पर बने हुए हैं। एक वित्तीय घोटाले के आरोपी मुख्यमंत्री को सार्वजनिक पद पर बने रहने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए
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