सार
हरियाणा में भाजपा-जजपा के गठबंधन टूटने की अटकलें पिछले एक साल से चल रही थीं। भाजपा अपनी सहयोगी पार्टी जजपा से गठबंधन तो तोड़ना चाहती थी, मगर उसे कोई ठोस कारण व मौका नहीं मिल पा रहा था।
विस्तार
हरियाणा में भाजपा की ओर से जजपा से गठबंधन तोड़ने की कवायद पिछले एक साल से चल रही थी। दरअसल, इस सरकार के कार्यकाल में ही शराब और रजिस्ट्री घोटाला सामने आया। इसको लेकर विधानसभा में भी कई बार हंगामा हुआ। दोनों महत्वपूर्ण विभाग दुष्यंत चौटाला के पास थे
विपक्ष आरोप लगाता था, मगर भाजपा चुप्पी साध लेती थी। यहां तक कि इन घोटालों की रिपोर्ट अब तक सामने नहीं आई है। पार्टी के कई विधायक भी पार्टी नेतृत्व के सामने जजपा के साथ गठबंधन रखने पर नाराजगी जता चुके थे।
वहीं, पार्टी प्रभारी बिप्लब कुमार देब ने भी कई मौकों पर इस बात के संकेत दे दिए थे कि भाजपा राज्य में अकेले ही चुनाव लड़ेगी और किसी के साथ गठबंधन में नहीं रहेगी। वहीं दुष्यंत चौटाला कम से कम दो लोकसभा सीट मांग रहे थे।
बताते हैं कि मनोहर लाल किसी हाल में जजपा को दो सीटें देने के पक्ष में नहीं थे। ऐसे में यह तय किया गया कि मनोहर लाल सरकार का इस्तीफा कराकर गठबंधन को अपनी मौत मरने दिया जाए। इसलिए सिर्फ एक दिन पहले सार्वजनिक मंच से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सराहना पाने के बाद भी मनोहर लाल ने मंगलवार को इस्तीफा दे दिया।
वहीं, पार्टी प्रभारी बिप्लब कुमार देब ने भी कई मौकों पर इस बात के संकेत दे दिए थे कि भाजपा राज्य में अकेले ही चुनाव लड़ेगी और किसी के साथ गठबंधन में नहीं रहेगी। वहीं दुष्यंत चौटाला कम से कम दो लोकसभा सीट मांग रहे थे।
बताते हैं कि मनोहर लाल किसी हाल में जजपा को दो सीटें देने के पक्ष में नहीं थे। ऐसे में यह तय किया गया कि मनोहर लाल सरकार का इस्तीफा कराकर गठबंधन को अपनी मौत मरने दिया जाए। इसलिए सिर्फ एक दिन पहले सार्वजनिक मंच से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सराहना पाने के बाद भी मनोहर लाल ने मंगलवार को इस्तीफा दे दिया।