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Lok Sabha Election: पहली सूची में 'आप' ने चौंकाया, पांच मंत्रियों को मैदान में उतारकर दिलचस्प की सियासी जंग

 सार

पंजाब में आम आदमी पार्टी ने लोकसभा चुनाव के लिए नए चेहरों पर दांव खेला है। आप ने लोकसभा चुनाव की पहली सूची में कई समीकरण साधे हैं। पांच मंत्रियों के चुनावी जंग में उतरने से मुकाबला दिलचस्प हुआ।




विस्तार

पंजाब की आठ लोकसभा सीटों पर सत्ताधारी आम आदमी पार्टी ने दमदार चेहरों को उतारकर चुनावी जंग को दिलचस्प बना दिया है। पार्टी ने जहां पुराने चेहरों (पांच मंत्रियों) पर ही भरोसा जताया है, वहीं कॉमेडियन-अभिनेता कर्मजीत अनमोल जैसे नवेले उम्मीदवार पर भी दांव खेला है

इसी तरह कांग्रेस से आए गुरप्रीत सिंह जीपी को टिकट देकर जातीय समीकरणों को साधा है। कांग्रेस छोड़ आप में आए सुशील रिंकू को उपचुनाव में मिली जीत का इनाम इस बार फिर टिकट देकर दिया गया है।


दिल्ली की तर्ज पर आम आदमी पार्टी ने ज्यादातर विधायकों को चुनावी मैदान में उतारा है। राज्यसभा सदस्य संदीप पाठक ने पूरी रणनीति व योजना के तहत सूबे के पांच कैबिनेट मंत्रियों को टिकट देकर कड़े मुकाबले का इरादा जाहिर कर दिया है।

बीते लोकसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी ने सिर्फ संगरूर से एक सीट जीती थी। तब संगरूर से भगवंत मान ने जीत हासिल की थी। हालांकि, 2022 के विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी की जीत के बाद भगवंत मान सूबे के मुख्यमंत्री बन गए। 
 

उन्होंने लोकसभा से इस्तीफा दे दिया था और उपचुनाव में यह सीट शिअद (अमृतसर) के सिमरनजीत सिंह मान ने उनसे छीन ली। पार्टी ने इस बार यहां से मीत हेयर को उतारा है, जिससे साफ है कि पार्टी कोई रिस्क नहीं लेना चाहती। 2019 के लोकसभा चुनाव में यूपीए ने 8 और एनडीए ने चार सीटें जीती थीं।

भाजपा-कांग्रेस की रणनीति को रखा ध्यान में
संदीप पाठक के निकटवर्ती सूत्रों के मुताबिक, पंजाब में भाजपा व अकाली दल का गठबंधन होने की प्रबल संभावना है और ऐसे में दोनों पार्टियों की तरफ से बड़े चेहरे मैदान में उतारे जाने की तैयारी चल रही है।
 

भाजपा अमृतसर से अमेरिका में भारत के राजदूत रह चुके तरणजीत संधू, आनंदपुर साहिब से कन्हैया मित्तल को मैदान में उतार सकती है। होशियारपुर से भी केंद्रीय राज्यमंत्री सोमप्रकाश को दोबारा टिकट दिया जा सकता है।

कांग्रेस भी चरणजीत सिंह चन्नी, रवनीत बिट्टू, राजा वड़िंग व नवजोत सिंह सिद्धू जैसे बड़े चेहरों पर दांव खेलने की तैयारी कर रही है। इसलिए इनका मुकाबला करने के लिए दमदार चेहरों की जरूरत है। पंजाब में आप की सरकार बने दो साल हो चुके हैं और अभी तीन साल का कार्यकाल बाकी है।

बठिंडा में रोचक होगी लड़ाई
बठिंडा लोकसभा सीट पर चुनावी लड़ाई रोचक हो गई है। यहां से उम्मीदवार बनाए गए कृषि मंत्री गुरमीत सिंह खुड्डियां 2022 के विधानसभा चुनाव में लंबी सीट से पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल को भारी मतों से हराकर चर्चा में आए थे। इस सीट पर कांग्रेस एवं शिअद के प्रत्याशियों का एलान होना बाकी है। यहां से शिअद हरसिमरत कौर बादल को फिर से चुनाव मैदान में उतार सकती है। दूसरी तरफ अगर कांग्रेस ने पंजाब अध्यक्ष राजा वड़िंग की पत्नी अमृता वड़िंग को चुनाव मैदान में उतार दिया तो शिअद एवं कांग्रेस के बीच कांटे की टक्कर होगी। गुरमीत सिंह खुड्डियां के पिता जगदेव सिंह खुड्डियां फरीदकोट सीट से सांसद रह चुके हैं। गुरमीत खुड्डियां लंबे समय तक कांग्रेस के साथ रहे हैं, जबकि 2017 में कैप्टन अमरिंदर सिंह ने लंबी से विधानसभा चुनाव लड़ा था तो उस समय गुरमीत खुड्डियां ही कैप्टन के कवरिंग थे। वर्ष 2021 में खुड्डियां कांग्रेस को अलविदा कहते हुए आम आदमी पार्टी में शामिल हो गए थे। उनके पिता जगदेव सिंह खुड्डियां सांसद रहने के बाद मंडी बोर्ड के चेयरमैन भी रहे थे। 

संगरूर में सीएम मान के साथ युवा मंत्री की परीक्षा
संगरूर संसदीय सीट से आम आदमी पार्टी ने कैबिनेट मंत्री गुरमीत सिंह मीत हेयर को चुनाव मैदान में उतारा है। मान सरकार के युवा मंत्री 35 वर्षीय मीत हेयर के साथ ही भगवंत मान की इस सीट पर परीक्षा होगी। हेयर बरनाला विधानसभा सीट से पिछले दो चुनाव लगातार जीत चुके हैं। पोस्ट ग्रेजुएट मीत हेयर ने अपना पहला विधानसभा चुनाव 2017 में बरनाला सीट से लड़ा था। कांग्रेस के दिग्गज प्रत्याशी केवल सिंह ढिल्लों को हराने के बाद वे सुर्खियों में आए थे। 2022 विधानसभा चुनाव में उन्होंने 37622 मतों के बड़े अंतर से लगातार दूसरी जीत दर्ज की थी। इसके अलावा मुख्यमंत्री भगवंत मान के दो लोकसभा चुनाव 2014 व 2019 में भी मीत हेयर ने अहम भूमिका निभाई थी। सीएम मान ने उक्त दोनों संसदीय चुनाव रिकॉर्ड मतों के अंतर से जीते थे। राजनीतिक गलियारों में उनको भगवंत मान का सारथी तक बताया जाता है। मीत हेयर का सबसे अहम पहलू यह है कि उनकी पकड़ शहरी व ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में है। 

ग्रामीण वोट बैंक के लिए मुकाबला
पटियाला से पंजाब के मौजूदा सेहत मंत्री 67 साल के डॉ. बलबीर सिंह आम आदमी पार्टी के आने वाले लोकसभा चुनाव के लिए उम्मीदवार रहेंगे। उनकी ग्रामीण इलाकों में अच्छी पकड़ है, इसलिए असली मुकाबला भी ग्रामीण वोट बैंक के लिए ही होगा। नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. बलबीर सिंह ने 2020 में दिल्ली के बॉर्डरों पर चले किसानी आंदोलन में मुफ्त में चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध कराई थीं। उन्होंने जेपी मूवमेंट व अन्ना हजारे आंदोलन में भी सक्रियता के साथ हिस्सा लिया था। बाद में आप को ज्वाइन करके डॉ. बलबीर सिंह राजनीति के क्षेत्र में आ गए थे। उनकी अपनी पार्टी से वफादारी और एक डाक्टर व अब सेहत मंत्री के तौर पर लोगों में बढ़े संपर्क के चलते आप हाईकमान ने डॉ. बलबीर सिंह को एक मजबूत उम्मीदवार मानते पटियाला से टिकट देकर नवाजा है। पंजाबी यूनिवर्सिटी के राजनीतिक मामलों के माहिर प्रोफेसर जसविंदर सिंह बराड़ का मानना है कि आप आने वाले लोकसभा चुनावों में किसी तरह का कोई रिस्क लेने के मूड में नहीं है। 

एससी वोटर बदलेंगे समीकरण
जालंधर लोकसभा सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित पंजाब की चार संसदीय सीटों में से एक है। एससी मतदाता बहुल इस सीट पर रिंकू के लड़ने से समीकरण पूरी तरह से बदल जाएंगे। सुशील रिंकू यहां से उपचुनाव जीत चुके हैं। यही कारण है कि पार्टी ने उन पर फिर भरोसा जताया है। इस संसदीय सीट के अंतर्गत कुल 9 विधानसभा की सीटें आती हैं। फिल्लौर, नकोदर, शाहकोट, करतारपुर, जालंधर पश्चिम, जालंधर सेंट्रल, जालंधर नॉर्थ, जालंधर कैंट और आदमपुर हलके हैं। इसमें 4 विधानसभा (फिल्लौर, करतारपुर, जालंधर वेस्ट, आदमपुर) की सीटें एससी समुदाय के लोगों के लिए आरक्षित हैं। जालंधर लोकसभा सीट के पहले सांसद अमरनाथ थे। उनके बाद अगले 20 साल तक इस सीट से भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के सरदार स्वर्ण सिंह चुने जाते रहे। स्वर्ण सिंह के जालंधर लोकसभा सीट से जीतने का जो सिलसिला 1957 में शुरू हुआ, वह 1977 तक जारी रहा। 

बॉर्डर बेल्ट के विकास पर परखेंगे लोग
परिवहन मंत्री लालजीत सिंह भुल्लर को अपने निर्वाचन क्षेत्र में कुल 57,323 वोट मिले थे। उन्हें 39.55 प्रतिशत वोट प्राप्त हुए थे। इस बार लोग उन्हें बॉर्डर बेल्ट के विकास के कामों पर परखेंगे। उन्होंने शिरोमणि अकाली दल के उम्मीदवार आदेश प्रताप सिंह कैरों को 10,999 वोटों के अंतर से हराया। उन्होंने जिला तरनतारन के एसएस स्कूल घरियाला से 12वीं तक की शिक्षा हासिल की है। उनके पास खेती के लिए 60 एकड़ जमीन एवं पट्टी अनाज मंडी में आढ़त भी है। पंजाब में श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी की बेअदबी के बाद अकाली दल छोड़कर उन्होंने कांग्रेस को ज्वाइन किया। पट्टी नगर परिषद चुनाव में लालजीत सिंह भुल्लर ने आम आदमी पार्टी के पक्ष में अभियान चलाया और गिरफ्तारी भी दी। धालीवाल शिक्षा के दिनों में कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया के समर्थक के रूप में उन्होंने आतंकवाद का विरोध किया। 

माझा की सरदारी के लिए जंग
आम आदमी पार्टी की ओर से लोकसभा चुनाव में अमृतसर लोक सभा सीट के लिए पंजाब सरकार में कैबिनेट मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल को प्रत्याशी बनाया गया है। धालीवाल पार्टी की माझा में बुलंद आवाज है। इस सीट पर माझा की सरदारी के लिए जंग देखने को मिलेगी। पार्टी ने तीसरी बार उनके ऊपर विश्वास प्रकट करके उनको चुनाव मैदान में उतारा है।
 

गठबंधन को रोकने की तैयारी
फरीदकोट सीट से घोषित आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार कर्मजीत अनमोल मुख्यमंत्री भगवंत मान का करीबी हैं, यह सीट अकाली दल का गढ़ मानी जाती रही है, लेकिन साल 2014 के चुनाव में आम आदमी पार्टी ने अकाली दल के गढ़ को भेद दिया था।  प्रो.साधू सिंह ने दो लाख से अधिक मतों से जीत हासिल की थी। अभी भाजपा-शिअद गठबंधन की तस्वीर साफ नहीं हुई है, लेकिन आप ने पहले ही गठबंधन को रोकने की तैयारी कर ली है। यह सीट चार जिलों फरीदकोट, मोगा, मुक्तसर व बठिंडा में फैली हुई है जिसमें फरीदकोट व मोगा के क्रमवार सभी 3 व 4 विधानसभा क्षेत्र जबकि मुक्तसर के गिद्दड़बाहा व बठिंडा के रामपुरा फुल विधानसभा क्षेत्र शामिल है। यहां से अकाली दल की टिकट के लिए हरप्रीत सिंह कोटभाई, पूर्व सांसद परमजीत कौर गुलशन, पूर्व मंत्री गुलजार सिंह रणीके ने दावेदारी जताई हुई है। कांग्रेस की टिकट के लिए वर्तमान सांसद मोहम्मद सदीक के अलावा पूर्व मुख्यमंत्री चरनजीत सिंह चन्नी, पूर्व विधायक डॉ.राज कुमार वेरका आदि दावेदार हैं।

पांच साल बाद फिर चुनाव मैदान में
फतेहगढ़ साहिब से विधानसभा हलका बस्सी पठाना से कांग्रेस के पूर्व विधायक गुरप्रीत सिंह जीपी को टिकट दिया गया है। वह पांच साल बाद फिर चुनाव मैदान में हैं। इस सीट के तहत बस्सी पठाना, फतेहगढ़ साहिब, अमलोह, खन्ना, समराला, पायल, साहनेवाल, रायकोट व अमरगढ़ विस हलके आते हैं। इसमें 15 लाख से अधिक वोटर हैं। इन हलकों में एससी वोट ज्यादा हैं।

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