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Russia Ukraine War: कौन थे मोहम्मद असफान, जिनकी रूस-यूक्रेन युद्ध में जान चली गई; अब तक कितने भारतीयों की मौत?

 सार

Mohammed Afsan: 24 फरवरी 2022 को यूक्रेन की राजधानी कीव और आसपास के शहरों में हवाई हमलों के बाद से रूस-यूक्रेन आमने-सामने हैं। युद्ध में हजारों लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा है। इसी लड़ाई ने अब तक तीन भारतीयों की भी जान ले ली है।




विस्तार

रूस और यूक्रेन के बीच बीते दो साल से जंग छिड़ी हुई है। इस लड़ाई में हजारों लोगों की जान जा चुकी है, जबकि हजारों लोग घायल हुए हैं। इसी बीच एक भारतीय व्यक्ति की खबर आई है। भारतीय नागरिक की मौत के मामले में भारतीय दूतावास ने भी बयान जारी किया है। मारे गए नागरिक की पहचान मोहम्मद असफान के रूप में हुई है

दो साल से ज्यादा हो चुके इस युद्ध में अब तक तीन भारतीयों ने जान गंवाई है। इससे पहले विदेश मंत्रालय ने भारतीय नागरिकों से सतर्क रहने की अपील की थी।

आइये जानते हैं कि कौन थे मोहम्मद असफान जिनकी युद्ध में मौत हो गई? असफान रूस-यूक्रेन युद्ध में क्या कर रहे थे? घटना सामने आने के बाद क्या हुआ? इस लड़ाई में कितने भारतीयों की जान जा चुकी है?

Who was Mohammad Asfan died in the Russia Ukraine war, how many Indians have died so far
मोहम्मद असफान - फोटो : एक्स/राकेश कुमार
कैसे हुई मोहम्मद असफान की मौत? 
यूक्रेन युद्ध में एक भारतीय नागरिक मोहम्मद असफान ने जान गंवा दी है। रूस में मौजूद भारतीय दूतावास ने घटना की पुष्टि की है। भारतीय दूतावास से बुधवार को जारी बयान में कहा गया कि विदेश मंत्रालय मृतक के परिवार और रूसी अधिकारियों के संपर्क में है। उनके पार्थिव शरीर को भारत भेजने का प्रयास किया जा रहा है। मोहम्मद असफान की मौत रूस और यूक्रेन के बीच डेढ़ लगभग दो साल से जारी हिंसक संघर्ष के बीच हुई।

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मॉस्को स्थित भारतीय दूतावास - फोटो : MEA
असफान रूस-यूक्रेन युद्ध में क्या कर रहे थे?
30 साल के मोहम्मद असफान हैदराबाद के रहने वाले थे। असफान के घर में उनकी पत्नी आसमा शिरीन और एक छोटा बच्चा है। रिपोर्ट में कहा गया है कि असफान हैदराबाद में कपड़े के एक शोरूम में काम किया करते थे। मृतक के परिवार ने कहा है कि मोहम्मद असफान को नौकरी के बहाने रूसी सेना में भर्ती किया गया था। असफान यूट्यूब के वीडियो देखकर इस जाल मे फंसा। असफान के भाई मोहम्मद इमरान ने मांग की है कि असफान को फंसाने में शामिल एजेंट को गिरफ्तार किया जाना चाहिए। 

इमरान ने कहा, 'हमें 23 जनवरी को असफान को चोट लगने की खबर मिली। उनके एक दोस्त अरबाब हुसैन ने मुझे वॉयस मैसेज के जरिए गोली लगने से घायल की सूचना दी। मुझे उनकी मौत की खबर पर शक है। हम केवल दूतावास पर भरोसा कर सकते हैं, एजेंट पर नहीं। लेकिन एजेंट कह रहे हैं कि वह जिंदा हैं। अगर यह सच है तो हम न्याय चाहते हैं।'

मृतक के भाई इमरान का कहना है कि उसके परिवार ने असफान को बचाने के लिए असदुद्दीन ओवैसी से मदद मांगी थी। ओवैसी ने मॉस्को में भारतीय दूतावास से संपर्क किया था। इसके बाद ओवैसी ने केंद्र सरकार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री एस. जयशंकर से हैदराबाद के युवाओं को सुरक्षित भारत वापस लाने के लिए रूसी सरकार से बातचीत करने का अनुरोध किया था।

घटना पर भारत ने क्या कहा है?
मॉस्को स्थित भारतीय दूतावास ने एक्स पर भारतीय नागरिक मोहम्मद असफान की मौत के बारे में जानकारी दी है। दूतावास ने कहा, 'हम उनके परिवार और रूसी अधिकारियों के संपर्क में हैं। दूतावास उनके शव को भारत भेजने का प्रयास करेगा।' 

इससे पहले विदेश मंत्रालय ने भारतीय नागरिकों से यूक्रेन में चल रहे संघर्ष से दूर रहने का आग्रह किया था। खबरें सामने आईं थीं कि भारतीय नागरिक रूसी सेना में भर्ती किए जा रहे हैं। मंत्रालय ने कहा था कि भारतीय दूतावास उन्हें वापस लाने के लिए इस मुद्दे को रूसी अधिकारियों के सामने उठा रहा है। 

रूस-यूक्रेन युद्ध में अब तक कितने भारतीयों की मौत हुई है?
24 फरवरी 2022 को रूस-यूक्रेन युद्ध की शुरुआत हुई थी। युद्ध की शुरुआत से अब तक तीन भारतीयों के मारे जाने की खबर है। रूस-यूक्रेन युद्ध के शुरुआत दिनों में एक भारतीय छात्र की मौत हो गई थी। मार्च 2022 में विदेश मंत्रालय ने बताया था कि खारकीव में रूसी सेना की ओर से की गई गोलीबारी में भारतीय छात्र की मौत हो गई। खारकीव में नवीन शेखरप्पा नाम के छात्र की जान गई थी। 21 साल का छात्र कर्नाटक के चलागेरी का रहने वाला था और यूक्रेन में पढ़ाई कर रहा था।

फरवरी 2024 में एक अन्य भारतीय की मौत की खबर आई थी। मृतक की पहचान गुजरात हेमिल अश्विनभाई मंगुकिया के रूप में हुई थी। 23 वर्षीय हेमिल गुजरात के सूरत के रहने वाले थे। उसी हमले में बचकर निकले एक भारतीय कर्मचारी ने बताया था कि 21 फरवरी को रूस-यूक्रेन सीमा पर डोनेट्स्क क्षेत्र में यूक्रेनी हवाई हमले में हेमिल की मौत हो गई। उन्हें रूसी सेना द्वारा सुरक्षा सहायक के रूप में नियुक्त किया गया था। 

रिपोर्ट्स के अनुसार, सूरत निवासी हेमिल दिसंबर 2023 में रूस गए थे और बाद में रूसी सेना से जुड़ गए थे। एक एजेंट ने हेमिल पिता की ओर से भारतीय वाणिज्य दूतावास को पत्र लिखकर उन्हें घर वापस लाने में मदद भी मांगी थी।

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