सार
साल 2018 में जननायक जनता पार्टी के गठन के बाद टोहाना के पूर्व विधायक सरदार निशान सिंह को प्रदेशाध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। वह लगातार करीब साढ़े 5 सालों से प्रदेशाध्यक्ष का पद संभाल रहे थे।
विस्तार
लोकसभा चुनाव से पहले जननायक जनता पार्टी को बड़ा झटका लगने वाला है। प्रदेश अध्यक्ष निशान सिंह पार्टी का साथ छोड़ेंगे। उनके भाजपा या कांग्रेस में जाने की अटकलें जोरों पर है। खुद निशान सिंह ने इस बात की पुष्टि कर दी है कि वह अब जजपा के साथ नहीं रहेंगे। संवाद न्यूज एजेंसी से बातचीत में निशान सिंह ने दावा किया है कि वह आज या कल में जजपा से इस्तीफा दे देंगे। इसके बाद प्रेस वार्ता करके भविष्य के फैसले की जानकारी देंगे।
2000 में इनेलो की टिकट पर जीतकर बने थे विधायकसरदार निशान सिंह साल 2000 में इनेलो की टिकट पर जीतकर टोहाना से विधायक चुने गए थे। हालांकि, बाद में भी उन्होंने इनेलो की टिकट पर लगातार 3 चुनाव लड़े। मगर कोई भी चुनाव नहीं जीत पाए। हर बार दूसरे स्थान पर रहे।
देवेंद्र बबली के लिए छोड़ी टोहाना सीटसाल 2019 के चुनाव में टोहाना विधानसभा क्षेत्र से सरदार निशान सिंह जजपा की टिकट के प्रमुख दावेदार थे। मगर ऐन वक्त पर कांग्रेस की टिकट नहीं मिलने पर देवेंद्र सिंह बबली ने जजपा का दामन थामा। बबली के मजबूत दावेदार होने के चलते पार्टी नेताओं के आग्रह पर निशान सिंह ने टोहाना सीट बबली के लिए छोड़ दी। बाद में बबली टोहाना से जीते और साल 2021 में प्रदेश की गठबंधन सरकार में पंचायत मंत्री भी बने।
निशान सिंह का बेटा हार गया था सरपंच का चुनावजजपा प्रदेशाध्यक्ष निशान सिंह के बेटे तेजेंद्र सिंह ने उनके पैतृक गांव मामुपुर से पिछले पंचायत चुनाव में किस्मत आजमाई। मगर वह जीत नहीं पाए। तेजेंद्र सिंह को अन्य उम्मीदवार गुरप्रीत सिंह ने 171 वोट से हरा दिया था।