सार
Maha Kumbh 2025: प्रयागराज में महाकुंभ के लिए पर्यटन विभाग एक विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम चला रहा है। इसके तहत शहर का भ्रमण कराने वाले गाइड, टैक्सी चालकों, वेंडर्स और नाविकों का प्रशिक्षण कराया जा रहा है।
विस्तार
प्रयागराज में महाकुंभ की तैयारियां जोरों पर हैं। महाकुंभ के दौरान आने वाले श्रद्धालुओं के स्वागत के लिए कई तरह के प्रयास किए जा रहे हैं। यहां आने वाले श्रद्धालुओं को प्रयागराज की दिव्यता और भव्यता को बताने के लिए पर्यटन विभाग की ओर से विशेष तैयारी की जा रही है। विभाग इसके लिए एक विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम चला रहा है। इसके तहत शहर का भ्रमण कराने वाले गाइड, टैक्सी चालकों, वेंडर्स और नाविकों का प्रशिक्षण कराया जा रहा है। जिससे ये सभी शहर में आने वाले टूरिस्टों को बेहतर मेहमाननवाजी कर सकें।
60-60 प्रशिक्षुओं के बैच बनाकर ट्रेनिंग दी जा रही
क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी अपराजिता सिंह बताती हैं कि पर्यटन विभाग ने इसके लिए कांशीराम पर्यटन प्रबंधन संस्थान लखनऊ और एक अन्य संस्था के साथ एक एमओयू साइन किया है, जिसके अंतर्गत ट्रेनिंग चल रही हैं। टूरिस्टों को बेहतर अनुभव प्रदान करने के लिए यह कार्यक्रम शुरू किया गया है। इस ट्रेनिंग प्रोग्राम को चार श्रेणियों में बांटकर 60-60 प्रशिक्षुओं के बैच बनाकर ट्रेनिंग दी जा रही है। हर श्रेणी के लिए विशेष ट्रेनिंग मॉड्यूल बनाया गया है।
क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी अपराजिता सिंह बताती हैं कि पर्यटन विभाग ने इसके लिए कांशीराम पर्यटन प्रबंधन संस्थान लखनऊ और एक अन्य संस्था के साथ एक एमओयू साइन किया है, जिसके अंतर्गत ट्रेनिंग चल रही हैं। टूरिस्टों को बेहतर अनुभव प्रदान करने के लिए यह कार्यक्रम शुरू किया गया है। इस ट्रेनिंग प्रोग्राम को चार श्रेणियों में बांटकर 60-60 प्रशिक्षुओं के बैच बनाकर ट्रेनिंग दी जा रही है। हर श्रेणी के लिए विशेष ट्रेनिंग मॉड्यूल बनाया गया है।
ट्रेनिंग डायरेक्टर प्रखर तिवारी बताते हैं गाइड की ट्रेनिंग का पांच दिन का कार्यक्रम है। हमारा प्रयास टूरिज्म रिटेंशन बढ़ाने का प्रयास है। साथ ही टूरिज्म सेंसटाइजेशन का भी लक्ष्य है। इस कार्यक्रम में प्रशिक्षुओं को शहर के अलग-अलग टूरिस्ट प्वांइट्स के बारे में जानकारी दी जाती है। प्रशिक्षु गाइड्स को किसी टूरिस्ट प्वाइंट की क्या विशेषता है यह बताने के लिए स्टोरी टेलिंग कैसे करनी है इसका भी प्रशिक्षण दिया जाता है। हर टूरिस्ट स्पॉट के पौराणिक, ऐतिहासिक और धार्मिक विशेषताओं के बारे में यहां जानकारी दी जाती है। ये जानकारी कैसे रोचक तरीके से टूरिस्ट को बतानी है यह भी यहां सिखाया जाता है। इस दौरान अगर किसी पर्यटक की तबीयत बिगड़ जाती है तो कैसे उसे प्रथमिक उपचार देना है इसका भी प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
इसी तरह टैक्सी ड्राइवर्स को भी विशेष तरह की ट्रेनिंग दी जा रही है। उन्हें डिजिटल पेमेंट के बारे में जागरुक किया जा रहा है। कैसे यह पूरी तरह से सुरक्षित है और इसका कैसे इस्तेमाल किया जा सकता है यह उन्हें सिखाया जा रहा है। अपराजिता सिंह कहती हैं कि शहर आने वाला पर्यटक सबसे पहले टैक्सी ड्राइवर्स से शहर को जानता है। इसलिए उन्हें पर्यटकों से कैसे व्यवहार करना चाहिए इसका भी प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
इसके साथ ही प्लास्टिक मुक्त कुंभ के संकल्प के बारे में टैक्सी ड्राइवर्स और रिक्शा चालकों को बताया जा रहा है। जिससे वो अपने टैक्सी या रिक्शा में बैठने वाले पर्यटक को यह बता सकें कि यह कुंभ प्लास्टिक मुक्त कुंभ है। इसलिए पर्यटक कहीं पर भी प्लास्टिक का इस्तेमाल नहीं करें। इन सबके साथ ही टैक्सी और रिक्शा ड्राइवर्स को ट्रैफिक नियमों के बारे में भी जानकारी दी जा रही है। इसी तरह की ट्रेनिंग का कार्यक्रम नाविकों और मेला क्षेत्र के वेडर्स के लिए भी चलाया जा रहा है।
इसी तरह टैक्सी ड्राइवर्स को भी विशेष तरह की ट्रेनिंग दी जा रही है। उन्हें डिजिटल पेमेंट के बारे में जागरुक किया जा रहा है। कैसे यह पूरी तरह से सुरक्षित है और इसका कैसे इस्तेमाल किया जा सकता है यह उन्हें सिखाया जा रहा है। अपराजिता सिंह कहती हैं कि शहर आने वाला पर्यटक सबसे पहले टैक्सी ड्राइवर्स से शहर को जानता है। इसलिए उन्हें पर्यटकों से कैसे व्यवहार करना चाहिए इसका भी प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
इसके साथ ही प्लास्टिक मुक्त कुंभ के संकल्प के बारे में टैक्सी ड्राइवर्स और रिक्शा चालकों को बताया जा रहा है। जिससे वो अपने टैक्सी या रिक्शा में बैठने वाले पर्यटक को यह बता सकें कि यह कुंभ प्लास्टिक मुक्त कुंभ है। इसलिए पर्यटक कहीं पर भी प्लास्टिक का इस्तेमाल नहीं करें। इन सबके साथ ही टैक्सी और रिक्शा ड्राइवर्स को ट्रैफिक नियमों के बारे में भी जानकारी दी जा रही है। इसी तरह की ट्रेनिंग का कार्यक्रम नाविकों और मेला क्षेत्र के वेडर्स के लिए भी चलाया जा रहा है।
श्रेणी | प्रशिक्षण का लक्ष्य | प्रशिक्षित लोग |
वेंडर | 600 | 608 |
नाविक | 600 | 360 |
गाइड | 1000 | 871 |
टैक्सी ड्राइवर | 2000 | 451 |
4200 लोगों को दिया जाएगा प्रशिक्षण
पर्यटन विभाग अलग-अलग श्रेणियों में कुल 4200 लोगों को प्रशिक्षण देने का लक्ष्य लेकर चल रहा है। अलग-अलग श्रेणियों में इनकी संख्या अलग है। इनमें 600 नाविक, 600 वेंडर, 1000 गाइड और 2000 टैक्सी और ई रिक्शा ड्राइवर शामिल हैं। क्षेत्रीय पर्यटन सचिव अपराजिता सिंह बताती हैं कि इनमें से विभाग अब तक 608 वेंडर्स को प्रशिक्षण दे चुका है। इसी तरह 360 नाविक, 451 टैक्सी ड्राइवर और 871 गाइड प्रशिक्षण प्राप्त कर चुके हैं। गाइड के प्रशिक्षण का कार्य आखिरी चरण में है। शनिवार को ही 60 से ज्यादा लोगों के नए बैच का गाइड प्रशिक्षण शुरु हुआ है। इसी तरह टैक्सी ड्राइवर्स और नाविकों का प्रशिक्षण भी अलग-अलग बैच में हो रहा है।
पर्यटन विभाग अलग-अलग श्रेणियों में कुल 4200 लोगों को प्रशिक्षण देने का लक्ष्य लेकर चल रहा है। अलग-अलग श्रेणियों में इनकी संख्या अलग है। इनमें 600 नाविक, 600 वेंडर, 1000 गाइड और 2000 टैक्सी और ई रिक्शा ड्राइवर शामिल हैं। क्षेत्रीय पर्यटन सचिव अपराजिता सिंह बताती हैं कि इनमें से विभाग अब तक 608 वेंडर्स को प्रशिक्षण दे चुका है। इसी तरह 360 नाविक, 451 टैक्सी ड्राइवर और 871 गाइड प्रशिक्षण प्राप्त कर चुके हैं। गाइड के प्रशिक्षण का कार्य आखिरी चरण में है। शनिवार को ही 60 से ज्यादा लोगों के नए बैच का गाइड प्रशिक्षण शुरु हुआ है। इसी तरह टैक्सी ड्राइवर्स और नाविकों का प्रशिक्षण भी अलग-अलग बैच में हो रहा है।
प्रशिक्षण लेने वाले भी हैं उत्साहित
इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में हिस्सा लेने आए प्रशिक्षु भी इससे काफी लाभ ले रहे हैं। गाइड का पांच दिवसीय प्रशिक्षण लेने वाली सांची मिश्रा कहती हैं कि इस ट्रेनिंग से उन्हें यह सीखने को मिला कि वो कैसे महाकुंभ में आने वाले पर्यटकों को बेहतर तरीके से जानकारी दे सकेंगी। इसके साथ ही प्रशासन की तरफ से शाही स्नान से लेकर सामान्य दिनों तक रूट डाइवर्जन से लेकर अलग-अलग रूट की जानकारी उनके काफी काम आएगी। इसी तरह अंबुज श्रीवस्तव कहते हैं कि इस प्रशिक्षण के बाद उन्हें यह पता चला कि एक गाइड के अंदर क्या स्किल्स होनी चाहिए। इस प्रशिक्षण से उन्हें कई नए विकसित पर्यटन स्थलों की भी उन्हें जानकारी मिली। इनमें शिवालय पार्क, निषाद राज पार्क जैसे स्थान शामिल हैं। अच्युत कुमार शुक्ल कहते हैं कि इस प्रशिक्षण का लाभ उन्हें सिर्फ कुंभ ही नहीं उसके बाद भी मिलेगा।
इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में हिस्सा लेने आए प्रशिक्षु भी इससे काफी लाभ ले रहे हैं। गाइड का पांच दिवसीय प्रशिक्षण लेने वाली सांची मिश्रा कहती हैं कि इस ट्रेनिंग से उन्हें यह सीखने को मिला कि वो कैसे महाकुंभ में आने वाले पर्यटकों को बेहतर तरीके से जानकारी दे सकेंगी। इसके साथ ही प्रशासन की तरफ से शाही स्नान से लेकर सामान्य दिनों तक रूट डाइवर्जन से लेकर अलग-अलग रूट की जानकारी उनके काफी काम आएगी। इसी तरह अंबुज श्रीवस्तव कहते हैं कि इस प्रशिक्षण के बाद उन्हें यह पता चला कि एक गाइड के अंदर क्या स्किल्स होनी चाहिए। इस प्रशिक्षण से उन्हें कई नए विकसित पर्यटन स्थलों की भी उन्हें जानकारी मिली। इनमें शिवालय पार्क, निषाद राज पार्क जैसे स्थान शामिल हैं। अच्युत कुमार शुक्ल कहते हैं कि इस प्रशिक्षण का लाभ उन्हें सिर्फ कुंभ ही नहीं उसके बाद भी मिलेगा।