सार
कोरोना जैसी वैश्विक महामारी पर सटीक भविष्यवाणी कर चुके प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य पं.मनोज कुमार द्विवेदी बता रहे हैं कि चंद्रयान-3 जब चांद पर उतरेगा तो उस वक्त ग्रह और नक्षत्रों की क्या स्थिति होगी।
विस्तार
Prediction on Chandrayan 3: आज 23 अगस्त 2023 की शाम 6 बजकर 4 मिनट पर चंद्रयान-3 के चांद की सतह पर लैंड करने का इंतजार सभी को है। हर कोई इस पल का बेसब्री से इंतजार कर रहा है। कोरोना जैसी वैश्विक महामारी पर सटीक भविष्यवाणी कर चुके प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य पं.मनोज कुमार द्विवेदी बता रहे हैं कि चंद्रयान-3 जब चांद पर उतरेगा तो उस वक्त ग्रह और नक्षत्रों की क्या स्थिति होगी।
चंद्रयान-3 की लैंडिंग 23 अगस्त को शाम 6:04 पर प्रस्तावित है उसे समय मकर लग्न और चंद्रमा तुला राशि में स्थित होंगे। ग्रहों के राजा सूर्य अष्टम भाव में अपनी स्वराशि में सिंह में स्थित होंगे। मकर लग्न के स्वामी शनि अपनी स्वराशि कुंभ में द्वितीय भाव में स्थित है और वर्तमान समय में वक्री अवस्था में है । चंद्रयान की लैंडिंग के लिए प्रथम स्थिति यही से मजबूत होती दिखाई देती है। लग्न के स्वामी का द्वितीय भाव यानि लग्न के पणफर भाव में जाकर अपनी स्वराशि में स्थित होना ,दूसरा सूर्य का अष्टम भाव में अपनी स्वराशि में स्थित होना अष्टमेश का अष्टम भाव में स्थित होना किसी भी महत्वपूर्ण प्रयोजन के लिए अति महत्वपूर्ण माना जाता है। किसी ऐसे कार्य की सफलता के लिए जिससे भविष्य में नए आयाम स्थापित होने हो अष्टमेश का अष्टम भाव में होना शुभ है तो वही चंद्रमा और केतु की युति चंद्रमा का नीचाभिलासी होना इस मिशन के वैज्ञानिकों की मानसिक स्थिति को दर्शाता है। इसका अर्थ है की अंत समय तक हमारे वैज्ञानिकों को अपनी मानसिक अवस्था को मजबूत रखना होगा अन्यथा इस मिशन के अंत में परेशानियां भी खड़ी हो सकती हैं।
चंद्रयान लैंडिंग के अंतिम कुछ मिनट बहुत महत्वपूर्ण होंगे। चौथे घर में मेष राशि के गुरु देशवासियों की शुभकामनाओं का संकेत दे रहे हैं वही राहु यह भी दर्शाते हैं कि कुछ पड़ोसी देशों को हमारे इस मिशन की सफलता से निश्चित रूप से तक मानसिक तकलीफ भी हो रही है। यदि ईश्वर की कृपा की बात की जाए तो में शुक्र सातवें भाव में स्थित होकर लग्न को दृष्टि दे रहे हैं इसका अर्थ है चंद्रयान-3 की सफल लॉन्चिंग के लिए ईश्वरी कृपा भी हमारे साथ है।
यदि चंद्र लग्न से विचार किया जाए तो तुला राशि में स्थित चंद्रमा और चन्द्र लग्न के स्वामी शुक्र स्थान परिवर्तन योग बना रहे हैं। चन्द्र लग्न से शुक्र दशम भाव में है जो एक बहुत मजबूत स्थिति बनती है। पंचम भाव में स्वराशि के शनि पंचम भाव को बल प्रदान कर रहे हैं। शनि यहां पर चतुर्थ भाव के भी स्वामी हैं जो देशवासियों की प्रार्थना और शुभकामनाओं के पूर्ण होने का संकेत दे रहे हैं।
चंद्र कुंडली में भी चंद्रमा के साथ केतु और सातवें भाव में गुरु के साथ राहु की युति है इसका अर्थ है चंद्रयान के लैंडिंग के कुछ अंतिम मिनट बहुत महत्वपूर्ण होंगे। हमारे वैज्ञानिकों को अपनी मानसिक स्थिति को बहुत मजबूत रखना होगा। चंद्रमा से ग्यारहवें भाव में स्वराशि के सूर्य बुद्ध के साथ स्थित है जो की एक उत्तम योग है सूर्य बुध का बुधादित्य योग वैज्ञानिकों की मेहनत को सफल होने का संकेत दे रहा है।
दशम भाव में शुक्र की स्थिति यह भी संकेत कर रही है कि इस मिशन में महिला वैज्ञानिकों का मान सम्मान निश्चित रूप से बढ़ेगा। सबसे प्रमुख बात है कि सावन का मास और हमारे प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी की शिव भक्ति जिसे पूरा विश्व जानता है भगवान शिव का अमोघ आशीर्वाद इस मिशन को निश्चित रूप से सफल करेगा।
चंद्रयान लैंडिंग के अंतिम कुछ मिनट बहुत महत्वपूर्ण होंगे। चौथे घर में मेष राशि के गुरु देशवासियों की शुभकामनाओं का संकेत दे रहे हैं वही राहु यह भी दर्शाते हैं कि कुछ पड़ोसी देशों को हमारे इस मिशन की सफलता से निश्चित रूप से तक मानसिक तकलीफ भी हो रही है। यदि ईश्वर की कृपा की बात की जाए तो में शुक्र सातवें भाव में स्थित होकर लग्न को दृष्टि दे रहे हैं इसका अर्थ है चंद्रयान-3 की सफल लॉन्चिंग के लिए ईश्वरी कृपा भी हमारे साथ है।
यदि चंद्र लग्न से विचार किया जाए तो तुला राशि में स्थित चंद्रमा और चन्द्र लग्न के स्वामी शुक्र स्थान परिवर्तन योग बना रहे हैं। चन्द्र लग्न से शुक्र दशम भाव में है जो एक बहुत मजबूत स्थिति बनती है। पंचम भाव में स्वराशि के शनि पंचम भाव को बल प्रदान कर रहे हैं। शनि यहां पर चतुर्थ भाव के भी स्वामी हैं जो देशवासियों की प्रार्थना और शुभकामनाओं के पूर्ण होने का संकेत दे रहे हैं।
चंद्र कुंडली में भी चंद्रमा के साथ केतु और सातवें भाव में गुरु के साथ राहु की युति है इसका अर्थ है चंद्रयान के लैंडिंग के कुछ अंतिम मिनट बहुत महत्वपूर्ण होंगे। हमारे वैज्ञानिकों को अपनी मानसिक स्थिति को बहुत मजबूत रखना होगा। चंद्रमा से ग्यारहवें भाव में स्वराशि के सूर्य बुद्ध के साथ स्थित है जो की एक उत्तम योग है सूर्य बुध का बुधादित्य योग वैज्ञानिकों की मेहनत को सफल होने का संकेत दे रहा है।
दशम भाव में शुक्र की स्थिति यह भी संकेत कर रही है कि इस मिशन में महिला वैज्ञानिकों का मान सम्मान निश्चित रूप से बढ़ेगा। सबसे प्रमुख बात है कि सावन का मास और हमारे प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी की शिव भक्ति जिसे पूरा विश्व जानता है भगवान शिव का अमोघ आशीर्वाद इस मिशन को निश्चित रूप से सफल करेगा।