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TMC: टीएमसी में ममता बनर्जी और अभिषेक बनर्जी के समर्थकों में छिड़ी जुबानी जंग, जानिए क्या है उम्र का विवाद

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सौगत राय ने कहा कि अभिषेक बनर्जी एक चर्चित युवा नेता हैं लेकिन अभी भी ममता बनर्जी के नाम पर ही पार्टी को वोट मिलता है। सौगत राय ने कहा कि टीएमसी में 75 साल तक ही चुनाव लड़ने जैसा कोई नियम नहीं है






विस्तार


पश्चिम बंगाल की सत्ताधारी पार्टी टीएमसी में नए और पुराने नेताओं में जुबानी जंग छिड़ गई है। यह जुबानी जंग उम्र को लेकर हो रही है। दरअसल टीएमसी नेता कुणाल घोष ने हाल ही में पार्टी में नेताओं के चुनाव लड़ने की उम्रसीमा तय ना होने पर सवाल उठाए थे और कहा था कि कई पुराने नेता जब तक जीवित रहेंगे, तब तक पार्टी में बने रहेंगे। कुणाल घोष के इस बयान के बाद पार्टी के वरिष्ठ नेता और सांसद सौगत रॉय ने कहा है कि पार्टी में उम्र कोई बाधा नहीं हैं और वरिष्ठ नेताओं की भूमिका क्या होगी, इसका फैसला सिर्फ ममता बनर्जी करेंगी।

सौगत राय ने कही ये बात
सौगत रॉय ने कहा कि 'कौन चुनाव लड़ेगा और किसकी क्या पद मिलेगा, इसका फैसला ममता बनर्जी करेंगी। वह हमारी सुप्रीम नेता हैं और पार्टी में सबसे बड़ी अथॉरिटी रहेंगी। अभिषेक बनर्जी एक चर्चित युवा नेता हैं लेकिन अभी भी ममता बनर्जी के नाम पर ही पार्टी को वोट मिलता है। सौगत राय ने कहा कि टीएमसी में 75 साल तक ही चुनाव लड़ने जैसा कोई नियम नहीं है।' 


टीएमसी का हाल ही में नेताजी इंडोर स्टेडियम में सम्मेलन हुआ था। सम्मेलन के दौरान स्टेडियम के मुख्य द्वार पर अभिषेक बनर्जी की तस्वीर नदारद थी, जिसे लेकर भी खूब चर्चा हुई। इस मामले पर सौगत रॉय ने कहा कि यह जरूरी नहीं है कि जहां ममता बनर्जी की तस्वीर हो, वहां सब जगह अभिषेक बनर्जी की भी फोटो हो। युवा नेताओं को पार्टी में मौके देने के सवाल पर सौगत रॉय ने कहा कि 'ममता बनर्जी ने पार्टी में युवा नेताओं को काफी मौके दिए हैं और किसको क्या जिम्मेदारी देनी है, यह ममता बनर्जी ही तय करती हैं। हम सिर्फ उनके सैनिक हैं।'

क्या ये है विवाद की जड़?
इस विवाद से टीएमसी के भीतर चल रही खींचतान का भी खुलासा हो गया है। बता दें कि इस विवाद को ममता बनर्जी के पार्टी पर अपना प्रभाव बनाए रखने और अभिषेक बनर्जी के ताकतवर नेता के तौर पर उभरने के तौर पर भी देखा जा रहा है। दरअसल टीएमसी के वरिष्ठ नेताओं को ममता बनर्जी का समर्थक माना जाता है। वहीं पार्टी के युवा नेताओं पर अभिषेक बनर्जी का प्रभाव माना जाता है। यही वजह है कि पुराने और नए नेताओं के बीच छिड़ी जुबानी जंग को बड़े बदलाव की आहट के तौर पर भी देखा जा रहा है। हालांकि पार्टी के नेता ऐसी खबरों को सिरे से खारिज करते हैं और कहते हैं कि टीएमसी के लिए ममता बनर्जी और अभिषेक बनर्जी, दोनों ही जरूरी हैं।

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