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CAA: 'इंडिया गठबंधन सत्ता में नहीं आने वाला', सीएए पर अमित शाह का विपक्ष को जवाब, बोले- इसे रद्द करना मुश्किल

 सार

एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी द्वारा सीएए को मुस्लिम विरोधी बताने पर अमित शाह ने कहा कि मुसलमानों पर इसलिए धार्मिक प्रताड़ना नहीं हो सकती क्योंकि तीनों देश घोषित इस्लामिक स्टेट हैं।



विस्तार

नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के नियम लागू होने के बाद से ही विपक्ष लगातार केंद्र सरकार को घेर रही है। उन्होंने सरकार पर सीएए के जरिए नया वोट बैंक तैयार करने का आरोप लगाया है। इन आरोपों पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने प्रतिक्रिया दी है।

एक शो के दौरान जब अमित शाह से सवाल किया गया कि क्या सीएए आदिवासी क्षेत्रों की संरचना को बदलेगा? इसका जवाब देते हुए केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा, "जरा भी नहीं। सीएए आदिवासी क्षेत्रों की संरचना और अधिकारों को कमजोर नहीं करेगा या बदलेगा नहीं। हमने अधिनियम में ही प्रावधान किए हैं कि जहां भी इनर लाइन परमिट है और जो भी क्षेत्र 6वीं अनुसूची क्षेत्रों में शामिल हैं, वहां सीएए लागू नहीं होगा। उन क्षेत्रों के पते वाले आवेदन एप पर अपलोड नहीं होगा। हमने इसे एप से निकाल दिया है।"


विपक्ष पर निशाना साधते हुए गृह मंत्री ने कहा, "विपक्ष के पास कोई और काम नहीं है, उन्होंने यहां तक कहा कि सर्जिकल स्ट्राइक और एयर स्ट्राइक में राजनीतिक फायदा है, तो क्या हमें आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई नहीं करनी चाहिए? उन्होंने यह भी कहा कि अनुच्छेद 370 को हटाना भी हमारे राजनीतिक फायदे के लिए था। हम 1950 से कह रहे हैं कि हम अनुच्छेद 370 को हटाएंगे। उनका इतिहास है कि वे जो कहते हैं वह करते नहीं हैं, प्रधानमंत्री मोदी का इतिहास है कि जो भी भाजपा ने कहा है, नरेंद्र मोदी ने जो कहा है, वह पत्थर की लकीर है। पीएम मोदी की हर गारंटी पूरी होती है।"

उन्होंने आगे बताया, "हमारे संविधान के अनुच्छेद 11 में संसद ने नागरिकता के बारे में कानून बनाने का अधिकार सिर्फ और सिर्फ भारत की संसद को दिया है। यह केंद्र का विषय है, केंद्र और राज्यों का साझा विषय नहीं है। मुझे लगता है चुनाव के बाद सभी सहयोग करेंगे। वे तुष्टिकरण की राजनीति के लिए गलत प्रचार कर रहे हैं।"

इंडिया गठबंधन के दावों पर दिया जवाब
सीएए के नियम लागू होने के बाद से ही इंडिया गठबंधन की लगभग सभी पार्टियों ने इसका विरोध किया है। उन्होंने बताया कि अगर आगामी चुनाव में इंडिया गठबंधन की सरकार बनती है तो वे इसे रद्द कर देंगे। इंडिया गठबंधन के इन दावों पर अमित शाह ने कहा, "उन्हें भी पता है कि इंडिया गठबंधन सत्ता में नहीं आने वाला है। सीएए के कानून को प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भाजपा सरकार लाई है, इसे रद्द करना असंभव है। यह पूर्णतः संवैधानिक रूप से वैध कानून है। सुप्रीम कोर्ट ने इस कानून पर कोई स्टे नहीं लगाया है। मैं उद्धव ठाकरे से पूछता हूं कि पहले वे स्पष्ट करें कि सीएए लागू होना चाहिए या नहीं। अब उन्हें अल्पसंख्यकों के वोट चाहिए इसलिए वे तुष्टिकरण की राजनीति कर रहे हैं।"

सीएए को लेकर राहुल गांधी के बयान पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, "राहुल गांधी को जनता को बताना चाहिए कि सीएए देश के खिलाफ क्यों है, जैसे हम समझा रहे हैं कि यह देश के पक्ष में क्यों है।"


सीएए को एंटी मुस्लिम कहे जाने पर क्या बोले अमित शाह
एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने सीएए को मुस्लिम विरोधी बताया था। इसपर अमित शाह ने कहा, "क्या तर्क है? मुसलमानों पर इसलिए धार्मिक प्रताड़ना नहीं हो सकती क्योंकि तीनों देश घोषित इस्लामिक स्टेट हैं। इस कानून में एनआरसी का कोई प्रावधान नहीं है। इस कानून में किसी की नागरिकता छीनने का कोई प्रावधान नहीं है।"

विदेशी मीडिया द्वारा तीन तलाक, सीएए और अनुच्छेद 370 पर सवाल उठाए जाने के सवाल पर अमित शाह ने कहा, "विदेशी मीडिया से पूछिए कि क्या उनके देश में तीन तलाक, मुस्लिम पर्सनल लॉ, अनुच्छेद 370 जैसे प्रावधान हैं।"

सीएए के जरिए नागरिकता पाने वालों की अलग पहचान होगी, इस सवाल का जवाब देते हुए गृह मंत्री ने बताया कि वे भारत के आम नागरिक की तरह ही भारत के नागरिकों की सूची में समाहित हो जाएंगे। उन्हें भी उतने ही अधिकार होंगे जितने हम सबके पास हैं। वे चुनाव भी लड़ सकते हैं, विधायक, सांसद, मुख्यमंत्री या केंद्र सरकार के मंत्री भी बन सकते हैं।

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