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Pro-Pak slogan Case: FIR में कांग्रेस सांसद का नाम शामिल करने की BJP ने की मांग, कहा- जब तक जांच पूरी न हो

 सार

राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी सैयद नसीर हुसैन की जीत के बाद पाकिस्तान के समर्थन में नारा लगाने के मामले में तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। इससे एक दिन पहले ही भाजपा ने एक जांच रिपोर्ट जारी की थी, जिसमें दावा किया गया था कि नारे लगाए गए हैं।




विस्तार

कर्नाटक की विधान सौध में पाकिस्तान समर्थक नारे लगने का मामला गहराता जा रहा है। एक दिन पहले जहां एफएसएल रिपोर्ट को लेकर हंगामा मचा रहा, तो वहीं अब भाजपा ने एफआईआर में कांग्रेस नेता सैयद नसीर हुसैन का नाम शामिल करने की मांग की है। इसके अलावा, राज्यसभा अध्यक्ष जगदीप धनखड़ से अनुरोध किया है कि जांच पूरी नहीं होने तक उन्हें सदन की सदस्यता की शपथ नहीं लेने दी जाए।

निजी लैब की जांच रिपोर्ट के हवाले से भाजपा का दावा
गौरतलब है, कर्नाटक में राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी सैयद नसीर हुसैन की जीत के बाद पाकिस्तान के समर्थन में नारा लगाने के मामले में तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। इससे एक दिन पहले ही कर्नाटक की भाजपा ने निजी फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला (एफएसएल) की एक जांच रिपोर्ट जारी की थी, जिसमें दावा किया गया था कि नारे लगाए गए हैं। हालांकि इस रिपोर्ट को राज्य सरकार ने मानने से इनकार कर दिया था। 


नाम शामिल करने की मांग
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष और विधायक बी वाई विजयेंद्र ने कहा कि अगर पार्टी निजी लैब की जांच रिपोर्ट जारी नहीं करती तो सरकार गिरफ्तारियां नहीं करवाती। प्राथमिकी में कांग्रेस नेता का नाम हटाए जाने के मामले में उन्होंने कहा कि पाकिस्तान समर्थक नारे के मामले में हुसैन को चौथे आरोपी के रूप में शामिल किया जाना चाहिए।

उन्होंने आगे कहा, 'जनप्रतिनिधि और राज्यसभा के सदस्य संविधान को बनाए रखने और देश की संप्रभुता और अखंडता की रक्षा करने की शपथ लेते हैं। जब तक जांच पूरी नहीं हो जाती तब तक हुसैन को शपथ नहीं लेनी चाहिए।'

विजयेंद्र ने कहा, 'हम भाजपा की ओर से राज्यसभा के सभापति को एक पत्र लिखने जा रहे हैं। भाजपा जांच पूरी होने तक हुसैन को शपथ नहीं लेने के लिए मजबूर करेगी।'

एफएसएल रिपोर्ट को सार्वजनिक क्यों नहीं कर सरकार?
इसके अलावा, भाजपा नेता ने जानना चाहा कि इस मामले में सरकार अपनी एफएसएल की रिपोर्ट को सार्वजनिक क्यों नहीं कर रही है। उन्होंने यह भी मांग की कि आरोपियों के नाम सार्वजनिक किए जाएं।

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