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Tax: पित्रोदा के विरासत टैक्स वाले बयान पर अश्नीर ग्रोवर का तंज, बोले- चुनाव के समय अर्थहीन हो जाते हैं करदाता

 सार

शार्क टैंक इंडिया के जज रहे अश्नीर ग्रोवर ने कहा कि आपको पहले भारत में टैक्स की राजनीति को समझने की जरूरत है। 140 करोड़ भारतीयों में से आठ करोड़ ही इनकम टैक्स रिटर्न भरते हैं। वहीं, दो करोड़ भारतीय केवल टैक्स देते हैं




विस्तार

भारत में लोकसभा चुनाव को लेकर सियासी माहौल गर्माया हुआ है। जहां कांग्रेस नेता सैम पित्रोदा द्वारा अमेरिका के विरासत टैक्स पर दिए बयान पर विवाद थमा नहीं था। वहीं अब शार्क टैंक इंडिया के जज रहे अश्नीर ग्रोवर ने कुछ ऐसा कह दिया है, जिसने आग में घी डालने जैसा काम किया है। दरअसल, ग्रोवर का कहना है कि राजनीतिक रैलियों में नेता टैक्स को लेकर कोई भी वादा करके बाद में बच निकल सकते हैं क्योंकि देश में चुनावों के मामले में करदाता अर्थहीन अल्पसंख्यक हैं।

मात्र 0.5 फीसदी मतदाता इनकम टैक्स भरते हैं
उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि आपको पहले भारत में टैक्स की राजनीति को समझने की जरूरत है। 140 करोड़ भारतीयों में से आठ करोड़ ही इनकम टैक्स रिटर्न भरते हैं। वहीं, दो करोड़ भारतीय केवल टैक्स देते हैं। मजेदार बात यह है कि इन दो करोड़ लोगों में से भी केवल 45 लाख लोग कुल आयकर का 80 फीसदी भरते हैं। कुल 97 करोड़ वोटर हैं। अगर हिसाब लगाएं तो मात्र 0.5 फीसदी मतदाता इनकम टैक्स का भुगतान करते हैं।


बिना अहमियत वाले अल्पसंख्यक
अश्नीर ग्रोवर ने कहा, 'इसलिए ही आप किसी राजनीतिक रैली में टैक्स पर कुछ भी कहकर बच निकल सकते हैं। क्योंकि टैक्स देने वाले बिना अहमियत वाले अल्पसंख्यक हैं

हालांकि, शार्क टैंक इंडिया के जज रहे अश्नीर ग्रोवर ने किसी राजनेता का नाम नहीं लिया है। लेकिन इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष सैम पित्रोदा द्वारा विरासत टैक्स पर की गई टिप्पणी के बीच उनका ऐसा बयान आना सियासी गलियारे में हलचल मचा सकता है। 

सैम पित्रोदा ने यह कहा था
दरअसल, सैम पित्रोदा का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा था, जिसमें वह अमेरिका के विरासत टैक्स का जिक्र कर रहे थे। उनका कहना था, 'अमेरिका में विरासत कर (टैक्स) लगता है। अगर किसी के पास 100 मिलियन डॉलर की संपत्ति है और जब वह मर जाता है तो वह केवल 45 फीसदी अपने बच्चों को दे सकता है। 55 फीसदी सरकार द्वारा हड़प लिया जाता है। यह एक दिलचस्प नियम है। यह कहता है कि आपने अपनी पीढ़ी में संपत्ति बनाई और अब आप जा रहे हैं, आपको अपनी संपत्ति जनता के लिए छोड़नी चाहिए। हालांकि पूरी नहीं, आधी ही। ये जो निष्पक्ष कानून है मुझे अच्छा लगता है

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