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UP: तब पूर्वांचल में चली थी कांग्रेस की सुनामी, सभी सीटों पर था कब्जा; पार्टी ने छुआ था 400 का करिश्माई आंकड़ा

 सार

चार दशक पहले पूर्वांचल में कांग्रेस की सुनामी चली थी। सभी सीटों पर कब्जा था। चार दशक पहले कांग्रेस ने 400 का करिश्माई आंकड़ा छुआ था। इंदिरा गांधी की हत्या के बाद पूरे देश में कांग्रेस के प्रति सहानुभूति की लहर थी। कांग्रेस की आंधी में कई राजनीतिक धुरंधरों का सियासी तिलिस्म टूटा था।




विस्तार

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के करिश्माई व्यक्तित्व के सहारे राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन ने मौजूदा आम चुनाव में 400 से अधिक सीटें जीतने का लक्ष्य तय किया है, मगर कांग्रेस यह करिश्मा चार दशक पहले ही कर चुकी है। 1984 के आम चुनाव में देश में कांग्रेस की सुनामी में कई सियासी सूरमाओं को धूल चाटनी पड़ी थी।

पूर्वांचल समेत समूचे देश में कांग्रेस ने अप्रत्याशित प्रदर्शन करते हुए लोकसभा की 414 सीटों पर कब्जा जमाया था। पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के तुरंत बाद देश में आम चुनाव हुए थे। एनटी रामाराव की तेलुगू देशम पार्टी 30 सीटें जीतकर दूसरी सबसे बड़ी पार्टी बनी थी। 


अगर पूर्वांचल की तस्वीर की चात करें तो 1984 के आम चुनाव में वाराणसी सीट से श्यामलाल यादव ने कांग्रेस के टिकट पर जीत दर्ज की थी। उन्होंने सीपीआई-एम के ऊदल को 94.630 मतों से हराया था। श्यामलाल यादव को 1,53,076 मत मिले थे जबकि ऊदल को 58,646 मत प्राप्त हुए थे। 

उधर, चंदौली सीट पर पूर्व मुख्यमंत्री पंडित कमलापति त्रिपाठी की पुत्रवधू चंद्रा त्रिपाठी ने कांग्रेस के टिकट पर जीत दर्ज की थी। वहीं रॉबट्सगंज लोकसभा सीट से कांग्रेस के रामप्यारे पनिका को जीत हासिल हुई थी। 

आजमगढ़ लोकसभा सीट पर कांग्रेस के संतोष सिंह और लालगंज सीट से कांग्रेस के ही रामधन ने शानदार जीत दर्ज कर दिल्ली का रुख किया था। वहीं जौनपुर सीट से कांग्रेस के कमला प्रसाद सिंह, मछलीशहर से श्रीपति मिश्र और घोसी सीट से राजकुमार राय ने जीत दर्ज कर पूरब में कांग्रेस का झंडा बुलंद किया था।

उस चुनाव में मिर्जापुर-भदोही सीट से कांग्रेस के टिकट पर उमाकांत मिश्न विजयी हुए थे। कांग्रेस लहर में बलिया में चंद्रशेखर भी अपना दुर्ग नहीं बचा पाए थे। उन्हें कांग्रेस के जगन्नाथ चौधरी ने परास्त किया था। गाजीपुर सीट से कांग्रेस के जैनुल बशर ने जोत दर्ज की थी जबकि बलिया से सटी सलेमपुर सीट से रामनगीना मिश्र कांग्रेस के टिकट पर जीते थे। 

514 सीटों में से 414 पर कांग्रेस का था कब्जा
1984 के आम चुनाव में कांग्रेस पार्टी को 49.10 फीसदी वोट हासिल हुए थे। बोटों के लिहाज से यह भी एक रिकॉर्ड है। इस रिकॉर्ड को आज तक कोई तोड़ नहीं पाया है। सीटों की बात करें तो कांग्रेस के खाते में 414 सीटें आई थीं। भाजपा को 7.74 फीसदी वोट मिले थे। हालांकि उसके खाते में सिर्फ दो सोट ही आई थी।

जनता पार्टी को 6.89 फीसदी वोट के साथ दस सीटें और लोकदल को 5.97 फीसदी वोट के साथ तीन सीटें हासिल हुई थी। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी-मार्क्सवादी ने 22 सीटें जीती थी। उसे 5.87 फीसदी मत मिले थे। आंध्र प्रदेश को तेलुगु देशम पार्टी को कांग्रेस के मुकाबले सर्वाधिक 30 सीटें मिली थी। उसे 4.31 फीसदी वोट प्राप्त हुए थे।

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