सार
सुल्तानपुर सीट से भाजपा से मौजूदा सांसद मेनका गांधी और सपा से भीम निषाद मैदान में हैं। अभी तक बहुजन समाज पार्टी ने अपना प्रत्याशी घोषित नहीं किया है। ऐसे में सुल्तानपुर की सियासी फिजां का अंदाजा मुश्किल हो रहा है
विस्तार
भाजपा से सांसद मेनका गांधी टिकट पाकर दोबारा प्रचार में जुट गई हैं। उनके मुकाबले समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी भीम निषाद भी अपनी जमीन पुख्ता करने में लगे हैं। चुनाव भले ही छठे चरण में हो, किंतु चुनावी रंगत चढ़ने लगी है।
इसी आधार पर अब हार जीत के कयास भी लगाए जाने लगे हैं। लेकिन, यह सारी कयासबाजी तक तक विश्वसनीय नहीं हो सकती, जब तक बसपा से प्रत्याशी का ऐलान न हो जाए। सुल्तानपुर संसदीय सीट पर बहुजन समाज पार्टी ने दो बार सांसद दिए हैं।
पहली बार 1999 के आम चुनाव में बसपा से जय भद्र सिंह ने इस सीट पर जीत हासिल की थी। इसके बाद अगले आम चुनाव में भी बसपा के मोहम्मद ताहिर ख़ान ने बसपा का कब्जा इस सीट पर बरकरार रखा।
इसके बाद से हालांकि बसपा यहां से जीत नहीं पाई है, किंतु 2019 के आम चुनाव में भी सपा-बसपा गठबंधन से बसपा के टिकट पर उतरे चंद्रभद्र सिंह सोनू ने भाजपा के पसीने छुड़ा दिए थे और उन्हें बेहद कम वोटों से हार मिली थी।
पहली बार 1999 के आम चुनाव में बसपा से जय भद्र सिंह ने इस सीट पर जीत हासिल की थी। इसके बाद अगले आम चुनाव में भी बसपा के मोहम्मद ताहिर ख़ान ने बसपा का कब्जा इस सीट पर बरकरार रखा।
इसके बाद से हालांकि बसपा यहां से जीत नहीं पाई है, किंतु 2019 के आम चुनाव में भी सपा-बसपा गठबंधन से बसपा के टिकट पर उतरे चंद्रभद्र सिंह सोनू ने भाजपा के पसीने छुड़ा दिए थे और उन्हें बेहद कम वोटों से हार मिली थी।