https://www.youtube.com/c/AIBSNews24

Bhartruhari Mahtab: कौन हैं लोकसभा के प्रोटेम स्पीकर भर्तृहरि महताब? 21 साल तक BJD से सांसद रहे; अब BJP के साथ

 सार

ओडिशा से भाजपा के सांसद भर्तृहरि महताब को लोकसभा सत्र के मद्देनजर इस पद पर नियुक्त किया गया है। आइए जानते हैं इनके बारे में सबकुछ




विस्तार

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने प्रोटेम स्पीकर यानी लोकसभा के अस्थायी अध्यक्ष की नियुक्ति कर दी है। ओडिशा से भारतीय जनता पार्टी के सांसद भर्तृहरि महताब को लोकसभा सत्र के मद्देनजर इस पद पर नियुक्त किया गया है। अगले स्थायी अध्यक्ष की नियुक्ति तक वे सदन में स्पीकर की सभी जिम्मेदारियां निभाएंगे

आइए जानते हैं कौन हैं सात बार के सांसद महताब?, प्रोटेम स्पीकर की नियुक्ति क्यों होती है?, भाजपा के पाले में कैसे आए?

यह लोग करेंगे सहायता
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने संविधान के अनुच्छेद 95(1) के तहत भाजपा सांसद को प्रोटेम स्पीकर नियुक्त किया है। संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजीजू ने बताया कि प्रोटेम स्पीकर की सहायता के लिए सुरेश कोडिकुन्नील, थलिककोट्टई राजुथेवर बालू, राधामोहन सिंह, फग्गन सिंह कुलस्ते और सुदीप बंदोपाध्याय को भी नियुक्त किया है। उन्होंने आग बताया कि भर्तृहरि महताब लोकसभा अध्यक्ष का चुनाव होने तक पीठासीन अधिकारी के रूप में कर्तव्यों का निर्वहन करेंगे।

इस सीट पर लगातार सातवीं बार कब्जा
भर्तृहरि महताब लोकसभा चुनाव से पहले बीजू जनता दल (बीजद) छोड़कर भाजपा में शामिल हुए थे। उन्होंने क्षेत्रीय पार्टी के हालिया कामकाज से असंतुष्ट होने के कारण पार्टी से इस्तीफा दे दिया था। बीजद के टिकट पर 1998 से कटक सीट से छह बार जीत चुके महताब ने इस बार भाजपा की ओर से चुनाव लड़ा था। उन्होंने 57 हजार 77 वोट से बीजद के संतरूप मिश्रा को हराया था। अब वह फिलहाल भाजपा के सांसद हैं। बता दें, 18वीं लोकसभा का पहला सत्र 24 जून से शुरू होगा। नवनिर्वाचित सदस्य 24-25 जून को शपथ लेंगे। इसके बाद 26 जून को नए लोकसभा अध्यक्ष का चुनाव होगा।

कौन हैं भर्तृहरि महताब?
भर्तृहरि महताब का जन्म आठ सितंबर 1957 को ओडिशा के अगपदा जिले के भद्रक में हुआ था। वह ओडिशा के पहले मुख्यमंत्री डॉ. हरेकृष्ण महताब के बेटे हैं। वह राजनीतिक के साथ एक लेखक भी हैं और सामाजिक कामों में भी योगदान देते हैं। अगर उनकी शिक्षा की बात करें तो उत्कल यूनिवर्सिटी के रावेनशॉस कॉलेज से उन्होंने साल 1978 में पोस्ट ग्रेजुएशन की थी। इसके बाद वह सक्रिय राजनीति में उतर गए। उन्होंने बीजद की टिकट पर 1998 में पहली बार कटक लोकसभा चुनाव लड़ा और जीतकर संसद पहुंचे। इसके बाद उन्होंने कटक सीट से 1999, 2004, 2009, 2014 और 2019 में लगातार जीत दर्ज की। वह बीजद से छह बार सांसद चुनकर लोकसभा पहुंचे। 

भाजपा के पाले में कैसे आए कटक सांसद?
मगर राजनीतिक गलियारे में तब हलचल मच गई, जब इस साल महताब ने पाला बदल लिया। 28 मार्च 2024 को बीजद से इस्तीफा देकर वह भाजपा में शामिल हो गए। हालांकि, महताब की राजनीति पर इसका कुछ असर नहीं पड़ा। इस बार वह भाजपा की टिकट पर कटक से मैदान में उतरे और बीजद के संतरूप मिश्रा को 57077 वोट से हराया। ऐसे वह सातवीं बार भी सांसद चुने गए। 

इस पुरस्कार से सम्मानित
महताब को साल 2017 में उत्कृष्ट सांसद का पुरस्कार मिला था। इसके साथ ही 'वाद-विवाद' में उनके उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए संसद रत्न पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया। 

प्रोटेम स्पीकर की नियुक्ति क्यों होती है?
प्रोटेम स्पीकर को संसद के अस्थाई अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया जाता है। यह नियुक्ति तब की जाती है, जब नियमित स्पीकर का चुनाव नहीं हुआ होता है। प्रोटेम स्पीकर का काम निर्वाचित किए गए सदस्यों को शपथ दिलाना होता है। इसके अलावा नए स्पीकर के चुनाव की प्रक्रिया को संचालित करना होता है। प्रोटेम स्पीकर की भूमिका अस्थाई होती है और नए स्पीकर के चयन के बाद यह जिम्मेदारी समाप्त हो जाती है।

Post a Comment

Previous Post Next Post